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बिहार NDA में सीट बंटवारे के बाद चुनावी तनाव, जीतन राम मांझी ने 'फ्रेंडली फाइट' की घोषणा

बिहार NDA में सीट बंटवारे के बाद चुनावी तनाव, जीतन राम मांझी ने 'फ्रेंडली फाइट' की घोषणा

बिहार NDA में सीट बंटवारे के बाद सहयोगी दलों में नाराजगी फैल गई है। जीतन राम मांझी ने बोधगया व मखदूमपुर से “फ्रेंडली फाइट” का ऐलान किया। सोनबरसा सीट विवाद और JDU नेताओं की नाराजगी से चुनावी माहौल गर्म है।

Patna: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच आपसी नाराजगी और स्थानीय नेताओं की असंतोषपूर्ण प्रतिक्रिया ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है। इस बार का सीट बंटवारा ज्यादातर दलों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होने की खबरें सामने आई हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं।

जीतन राम मांझी का “फ्रेंडली फाइट” का ऐलान

केंद्रीय मंत्री और हम (एस) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि बोधगया और मखदूमपुर से वे अपने उम्मीदवार उतारेंगे, जो जेडीयू की आवंटित सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। मांझी ने इसे “फ्रेंडली फाइट” का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी यह प्रतिक्रिया जेडीयू द्वारा सोनबरसा सीट को एलजेपी (रामविलास) को देने के फ़ैसले पर असंतोष जताने के लिए है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार के फ़ैसले का सम्मान करते हुए भी उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है।

विधायकों में नाराजगी

भागलपुर से जेडीयू सांसद अजय कुमार मंडल ने टिकट वितरण प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर संसदीय पद से इस्तीफा देने की अनुमति मांगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके लोकसभा क्षेत्र में टिकट वितरण के मामले में उनकी राय को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। मंडल ने कहा कि पिछले 20-25 वर्षों से संगठन और जनता की सेवा करने के बावजूद उनके सुझावों को महत्व नहीं दिया गया।

इसी बीच, जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास के बाहर धरना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके टिकट काटने की साजिश रची जा रही है। गोपाल मंडल ने कहा कि जब तक उन्हें मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से आश्वासन नहीं मिलता, वह धरने पर रहेंगे।

सोनबरसा सीट को लेकर बढ़ा विवाद

एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सबसे बड़ा विवाद सहरसा ज़िले की सोनबरसा सीट पर है। वर्तमान में जेडीयू के राज्य मंत्री रत्नेश सदा की यह सीट कथित तौर पर चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को दे दी गई है। रत्नेश सदा पहले ही जेडीयू के उम्मीदवार के रूप में घोषित किए जा चुके थे। इस फ़ैसले से पार्टी के भीतर गहरा असंतोष फैल गया है।

टिकट वितरण 

जेडीयू के कई नेताओं ने पार्टी के नेतृत्व पर स्थानीय नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण में संगठन के अनुभवी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं की राय को महत्व नहीं दिया गया। इससे एनडीए में सहयोगी दलों और जेडीयू के बीच आपसी तनाव और बढ़ गया है। 

एनडीए में गठबंधन की एकजुटता पर सवाल

विश्लेषकों का कहना है कि एनडीए में इस बार सीट बंटवारे के कारण गठबंधन की एकजुटता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जबकि चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें दी गई हैं, वहीं हम (एस) और आरएलएम को 6-6 सीटें मिली हैं। छोटे दलों में असंतोष जारी है, और इससे सहयोगी दलों के बीच आपसी तालमेल पर भी असर पड़ा है।

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