अखिलेश यादव ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को भाजपा की चुनावी साजिश करार दिया। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और विपक्षी एकता की बात कही।
SIR: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भाजपा पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर चुनाव में साजिश और षड्यंत्र कर रही है ताकि वोट कट सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा का असली काम ही साजिश रचना है जब उनके पास सवालों का जवाब नहीं होता।
एसआईआर पर सवाल और चुनाव प्रभावित करने की साजिश
अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि एसआईआर एक साल पहले भी कराया जा सकता था, लेकिन भाजपा इसे जानबूझकर बिहार में वोट काटने के लिए अब करवा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को पूरी तरह से पता है कि बिहार की जनता उनके खिलाफ है। इसलिए वे अब मतदाता सूची में बदलाव करके चुनाव का नतीजा प्रभावित करना चाहते हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि यह सिर्फ एक चुनावी षड्यंत्र है और भाजपा की कोशिश है कि वे अपने फायदे के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करें। यह चुनाव में निष्पक्षता को खत्म करने जैसा है और मतदाताओं के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
वोट चोरी के आरोप और हलफनामे की मांग
भाजपा के खिलाफ एक और बड़ा आरोप राहुल गांधी से जुड़ा है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से बार-बार वोट चोरी के आरोपों पर हस्ताक्षरित घोषणा पत्र मांगा है। इस बीच, अखिलेश यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी ने लगभग दो साल पहले 18,000 वोटों के कटने की शिकायत चुनाव आयोग को हलफनामे के साथ दी थी। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग या किसी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई होती, तो किसी का भी मत छेड़छाड़ नहीं हो पाती। उन्होंने चुनाव आयोग पर निष्पक्षता से काम न करने और आरोपों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
भाजपा पर मताधिकार हनन का आरोप
अखिलेश यादव ने भाजपा पर मताधिकार का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा से जनता के अधिकारों का हनन किया है, लेकिन अब वे मताधिकार के साथ भी छेड़छाड़ करना चाहते हैं। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग "एक व्यक्ति, एक वोट" के सिद्धांत को लागू करने में विफल रहा है, जो कि हमारे संविधान की बुनियाद है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपने दायित्वों से मुंह मोड़ रहा है और निष्पक्ष चुनाव कराने में असमर्थ है।