समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान और सदर विधायक महेंद्र यादव की तस्वीर वाले होर्डिंग पर कालिख पोतने के मामले में पुलिस ने शिवसेना के चार नामजद पदाधिकारियों समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बस्ती: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के पोस्टर पर कालिख पोतने की घटना ने बस्ती में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। पुलिस ने इस मामले में शिवसेना के चार नेताओं और अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। कार्रवाई समाजवादी युवजन सभा (SYSS) के जिलाध्यक्ष विपिन कुमार त्रिपाठी की शिकायत पर की गई। आरोप है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने यह कृत्य जानबूझकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और शांति भंग करने के इरादे से किया।
पूरा मामला क्या है?
जानकारी के अनुसार, समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष ने दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर शहर के निर्मलीकुण्ड क्षेत्र में शुभकामना संदेश वाले होर्डिंग्स लगवाए थे। इन होर्डिंग्स पर आजम खान और अन्य सपा नेताओं की तस्वीरें लगी हुई थीं। गुरुवार शाम को आरोप है कि शिवसेना के जिला प्रभारी प्रमोद पाण्डेय, आशीष गुप्ता, नरेंद्र दुबे, विवेक बघेल और उनके चार अज्ञात सहयोगियों ने मिलकर इन होर्डिंग्स पर आजम खान की तस्वीर पर कालिख पोत दी, जिससे होर्डिंग क्षतिग्रस्त हो गया।
जिलाध्यक्ष विपिन कुमार त्रिपाठी ने पुरानी बस्ती थाने में लिखित तहरीर देते हुए आरोप लगाया कि यह कृत्य सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और शांति भंग करने के इरादे से किया गया। उन्होंने कहा कि घटना से सपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। उन्होंने पुलिस से मांग की कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
तहरीर के आधार पर, पुरानी बस्ती पुलिस ने शिवसेना के चार नामजद नेताओं तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
- धारा 153A: धर्म, जाति, जन्म स्थान आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना
- धारा 505(2): सार्वजनिक दुराचरण को बढ़ावा देने वाले बयान
पुरानी बस्ती थानाध्यक्ष महेश सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद बस्ती जिले में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इस कृत्य की कड़ी निंदा कर रहे हैं और आगामी दिनों में विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
वहीं, शिवसेना नेताओं की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस घटना से स्थानीय राजनीति में सपा और शिवसेना के बीच तनाव बढ़ सकता है।













