छत्तीसगढ़ हत्याकांड: पत्नी और सौतेले बेटों नेकिया पिता का कत्ल, दोनों आरोपी गिरफ्तादुर्ग (छत्तीसगढ़) में मामूली बहस खूनी झगड़े में बदल गई। पत्नी और सौतेले बेटों ने फावड़ा और डंडे से बलविंदर सिंह की हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी।
दुर्ग: जिले के नंदिनी नगर थाना क्षेत्र के अहिवारा में मंगलवार रात एक खौफनाक वारदात सामने आई। यहां मीरावती नामक महिला अपने पति बलविंदर सिंह को छोड़कर दूसरे शख्स के साथ रह रही थी। जब बलविंदर पत्नी से मिलने पहुंचे, तो मामूली बहस खूनी झगड़े में बदल गई और उनकी पत्नी के साथ रहने वाले सौतेले बेटों ने मिलकर उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों बेटों को गिरफ्तार कर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
अहिवारा में हत्या का मामला
बलविंदर सिंह, जो बैकुंठधाम के निवासी थे, अपने अहिवारा स्थित पत्नी मीरावती के घर कभी-कभार मिलने आते थे। मंगलवार की रात भी वह पत्नी से मिलने आए, लेकिन दोनों के बीच मामूली बहस तेज होती गई। गुस्से और तनाव के बीच मीरावती के साथ रहने वाले उनके सौतेले बेटे त्रिलोचन कोसरे और भूपेश कोसरे ने मिलकर हमला कर दिया।
त्रिलोचन ने आंगन में रखा रापा (फावड़ा) उठाकर बलविंदर के सिर पर हमला किया। इसी दौरान भूपेश ने डंडे से जोरदार वार किए। गंभीर रूप से घायल बलविंदर खून से लथपथ होकर वहीं गिर पड़े। पड़ोसियों की माने तो घटना देखते ही उन्हें डरावनी चीखें सुनाई दीं।
पड़ोसियों की मदद से आरोपी की गिरफ़्तारी
पड़ोसी अरुण कुमार बंजारे ने घर से चीख-पुकार सुनकर तुरंत मौके पर जाकर बलविंदर को जमीन पर पड़ा पाया। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। नंदिनी नगर थाना की टीम ने तत्परता दिखाते हुए घटना स्थल पर पहुंचकर दोनों आरोपियों त्रिलोचन और भूपेश को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने मौके से वारदात में प्रयुक्त फावड़ा और डंडा जब्त कर लिया। इसके अलावा, घर और आसपास के इलाके में सुराग जुटाए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पड़ोसियों की मदद से ही आरोपी जल्दी पकड़े जा सके और अधिक नुकसान होने से रोका जा सके।
आरोपियों ने हत्या की पूछताछ में कबूलत की
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की, जिसमें दोनों बेटों ने हत्या करना स्वीकार किया। दुर्ग ग्रामीण एडिशनल एसपी अभिषेक झा ने बताया कि यह घटना घरेलू कलह और अवैध संबंधों से उपजे तनाव के कारण हुई। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर भेज दिया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घरेलू घटनाएँ समुदाय में डर और चिंता पैदा करती हैं। पुलिस ने सभी प्रभावित परिवारों को सुरक्षा और मानसिक सहारा देने की व्यवस्था भी की है।