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CM मोहन यादव की कांग्रेस को चुनौती: कृष्ण जन्मभूमि के समर्थन में हलफनामा देने की हिम्मत दिखाए कांग्रेस

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद को लेकर कांग्रेस को सीधी चुनौती दी है। इंदौर में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस वास्तव में भगवान राम और श्रीकृष्ण में आस्था रखती है, तो उसे मथुरा के विवादित स्थल पर श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण के समर्थन में न्यायालय में हलफनामा दायर करना चाहिए।

सीएम यादव ने कहा, कांग्रेस के नेता कहते हैं कि भगवान राम उनके भी हैं, लेकिन राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने उसका खुलकर विरोध किया। आज अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर बन रहा है, पर मथुरा का मामला अब भी विचाराधीन है। अब कांग्रेस को यह साबित करना होगा कि वह आस्था के मामले में दोहरा रवैया नहीं अपना रही है।

शाही ईदगाह विवाद फिर चर्चा में

सीएम यादव के बयान के बाद मथुरा का विवाद एक बार फिर से सियासी बहस का केंद्र बन गया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर बना मंदिर तोड़कर वहां शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी। इस मुद्दे को लेकर मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है।

आपातकाल पर भी कांग्रेस को घेरा

इस कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1975 में आपातकाल लागू करने से पहले ही इंदिरा गांधी सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को नियंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। त्रिवेदी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए कहा कि उस दौर में मीडिया, न्यायपालिका और विधायिका सब पर नियंत्रण थोप दिया गया था।

त्रिवेदी ने कहा, कांग्रेस हर चुनाव हारने के बाद चुनाव आयोग को दोष देती है और लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाती है। देश में असली लोकतंत्र आपातकाल के समाप्त होने के बाद ही बहाल हो सका। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है।

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