भारत में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) अब भी एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बना हुआ है। लाखों लोग हर साल इस बीमारी का शिकार होते हैं और इलाज के बावजूद कई बार रिकवरी लंबी और थकाने वाली होती है। खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में जहां वायु प्रदूषण चरम पर है, वहां फेफड़ों की बीमारियां – जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी और टीबी – युवाओं में तेजी से फैल रही हैं।
क्या है टीबी और कैसे होता है इसका संक्रमण?
टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो Mycobacterium tuberculosis नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों जैसे ब्रेन, रीढ़ की हड्डी, गला, किडनी और हड्डियों को भी संक्रमित कर सकती है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के जरिए फैलती है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बात करता है।
टीबी के शुरुआती 6 लक्षण
- लगातार सूखी खांसी
- खांसी में खून आना
- सीने में लगातार दर्द या भारीपन
- हमेशा थकान और कमजोरी महसूस होना
- भूख कम लगना और अचानक वजन घटना
- हल्का या शाम को बुखार रहना
अगर इन लक्षणों में से दो या अधिक दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
फेफड़ों को मजबूत बनाएं – रामदेव जी के उपाय
1. कच्ची हल्दी वाला दूध
- एक गिलास दूध में एक इंच कच्ची हल्दी डालकर उबालें।
- इसमें थोड़ा शिलाजीत पाउडर मिलाएं।
- रोज रात सोने से पहले इसे पिएं।
- यह संक्रमण से लड़ने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है।
2. सहजना (मोरिंगा) का सेवन
- मोरिंगा की पत्तियों को पानी में उबालकर पिएं।
- इसकी सब्जी को रोजाना भोजन में शामिल करें।
- मोरिंगा आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो टीबी से लड़ने में बेहद सहायक है।
3. आंवला और शहद का पेस्ट
- आंवले का पाउडर लें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं।
- सुबह खाली पेट इसे खाएं।
- यह लंग्स को डिटॉक्स करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
टीबी में रामबाण घरेलू नुस्खे
1. केला-नारियल दही मिश्रण
- एक पका केला लें।
- उसमें एक कप नारियल पानी, आधा कप दही और एक चम्मच शहद मिलाएं।
- दिन में दो बार इसका सेवन करें।
2. पुदीना रस मिश्रण
- एक चम्मच पुदीने का रस, दो चम्मच शहद, दो चम्मच सिरका और आधा कप गाजर का जूस मिलाएं।
- इसे दिन में तीन बार पिएं।
- यह मिश्रण फेफड़ों की सफाई में मदद करता है।
3. शहद-मिश्री-घी का संयोजन
- 200 ग्राम शहद, 200 ग्राम मिश्री और 100 ग्राम गाय का घी मिलाएं।
- 6-6 ग्राम की मात्रा दिन में तीन बार लें।
- इसे गाय के दूध के साथ पिएं।
टीबी में आहार कैसा हो?
- प्रोटीन और एनर्जी से भरपूर आहार लें – जैसे दूध, पनीर, अंडा, मूंगफली, दालें।
- ताजे फल और हरी सब्जियां – विटामिन्स और मिनरल्स के लिए जरूरी।
- साबुत अनाज – ब्राउन राइस, गेहूं, बाजरा आदि।
- खिचड़ी और हल्का सुपाच्य भोजन – पाचन तंत्र को राहत मिलती है।
- दूध के साथ अश्वगंधा या हल्दी – इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है।
टीबी में ये न खाएं
- बहुत ज्यादा तला-भुना खाना
- ठंडा पानी या बर्फ से बनी चीजें
- अत्यधिक मीठा या प्रोसेस्ड फूड
- स्मोकिंग और शराब जैसे नशे
आयुर्वेदिक उपाय और योग
स्वामी रामदेव का मानना है कि कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका जैसे प्राणायाम फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। इनके नियमित अभ्यास से फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, संक्रमण की संभावना कम होती है और रोगी जल्दी रिकवर कर सकता है।
टीबी केवल दवाइयों से नहीं, बल्कि जीवनशैली में परिवर्तन, पौष्टिक आहार, योग-प्राणायाम और आयुर्वेदिक समर्थन से भी पराजित की जा सकती है। स्वामी रामदेव के बताए सरल घरेलू नुस्खे फेफड़ों को भीतर से मज़बूत करते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। नियमित मेडिकल फॉलो-अप, प्रदूषण से बचाव, धूम्रपान से दूरी और सामुदायिक जागरूकता मिलकर ही भारत को टीबी-मुक्त भविष्य की ओर ले जाएंगे।