दिल्ली जल बोर्ड ने बकाया पानी बिलों पर ब्याज कम कर माफ किया गया। इसके अलावा कनेक्शन शुल्क घटाया गया, मीटरिंग नियम भी आसान हुए और 3,000 करोड़ रुपये की जल परियोजनाओं को मंजूरी मिली।
New Delhi: दिल्ली जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के कई अहम फैसलों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि पानी के पुराने बकाया बिलों पर ब्याज दर कम कर दी गई है। अब सरकारी और घरेलू उपभोक्ताओं को बकाया पानी बिल पर लगने वाला ब्याज माफ मिलेगा। इस फैसले से लगभग 80,463 करोड़ रुपये का ब्याज माफ होगा।
मंत्री वर्मा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पिछले कई वर्षों से भारी कर्ज में है। इससे दिल्लीवासियों को बिल और नए कनेक्शन के मामलों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता रहा है। उन्होंने बताया कि पहले बकाया बिल पर 5 प्रतिशत प्रति बिल-साइकिल कंपाउंडिंग ब्याज लगता था, जिसे घटाकर अब 2 प्रतिशत प्रति बिल-साइकिल कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, 100 रुपये का बकाया बिल एक साल में पहले 178 रुपये बन जाता था, अब वही बिल 130 रुपये में सिमट जाएगा।
बकाया बिलों पर ब्याज माफी की योजना
जल मंत्री ने आगे बताया कि सरकारी और घरेलू उपभोक्ताओं के बकाया बिलों पर ब्याज माफी अगले माह से लागू होगी। योजना के तहत:
- 31 जनवरी तक बिल जमा करने वालों को 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।
- 31 मार्च तक जमा करने वालों को 70 प्रतिशत छूट मिलेगी।
उन्होंने बताया कि जल बोर्ड पर कुल बकाया बिल 87,589 करोड़ रुपये है, जिसमें से 80,463 करोड़ रुपये केवल ब्याज है। इस माफी योजना के तहत विभिन्न इलाकों में कैंप लगाए जाएंगे ताकि लोगों को आसानी से लाभ मिल सके। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह इस सरकार के कार्यकाल की पहली और अंतिम बिल माफी योजना है। इसके अलावा, अब किसी भी प्रमाणपत्र के लिए पानी का तीन महीने का बिल दिखाना अनिवार्य होगा, जैसे बिजली बिल में होता है। व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए छूट की घोषणा बाद में की जाएगी।
कनेक्शन शुल्क में बड़ी कटौती
अवैध कनेक्शन को वैध कराने के लिए शुल्क में भारी कमी की गई है। अब घरेलू अवैध कनेक्शन वैध कराने पर 26,000 रुपये की जगह केवल 1,000 रुपये (31 मार्च तक) शुल्क लगेगा। इसके बाद शुल्क फिर से 26,000 रुपये होगा। वहीं, अवैध व्यावसायिक कनेक्शन को वैध कराने पर पहले 61,500 रुपये लगते थे, अब इसे केवल 5,000 रुपये कर दिया गया है।
पानी के मीटर लगाने के नियम में बदलाव
जल मंत्री ने बताया कि अब पानी के मीटर लगाने वालों को अधिक विकल्प मिलेंगे। पहले केवल 1,000 लोगों को मीटर लगाने का लाइसेंस दिया जाता था, जो घटकर 250 रह गया था। अब इसे बढ़ाकर 1,000 से अधिक किया जाएगा। इसके लिए आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थाओं से भी समन्वय किया जाएगा।
इस व्यवस्था के बाद जल बोर्ड खुद मीटर नहीं लगाएगा, जिससे एक लाख से अधिक लंबित आवेदन तेजी से निपट सकेंगे। मीटरिंग में देरी के कारण जल बोर्ड को हर साल लगभग 51,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।
बड़े प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
जल मंत्री ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने 3,000 करोड़ रुपये की सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और सीवर लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। ये परियोजनाएं 70 लाख लोगों को लाभ पहुँचाएंगी और यमुना नदी को साफ करने में भी मदद करेंगी।
मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास 30 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ओखला एसटीपी में आयोजित कार्यक्रम में किया जाएगा। इस कदम से दिल्ली में जल आपूर्ति और सफाई दोनों क्षेत्रों में सुधार होगा।
दिल्ली जल बोर्ड की वित्तीय स्थिति में सुधार
प्रवेश वर्मा ने यह भी बताया कि इन निर्णयों से जल बोर्ड की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। बिलों पर ब्याज कम करने और माफी देने से उपभोक्ताओं में विश्वास बढ़ेगा और लंबित बकाया वसूली में आसानी होगी। कनेक्शन शुल्क और मीटरिंग नियमों में बदलाव से नए कनेक्शन लेने वालों की संख्या बढ़ेगी और अवैध कनेक्शन वैध होंगे।