दिल्ली में जलभराव और बाढ़ की समस्या को देखते हुए 50 साल बाद नया ड्रेनेज मास्टर प्लान पेश किया गया। हथिनी कुंड डैम, यमुना डिसिल्टिंग और पुराने नालों के अपग्रेड से मानसून में राहत मिलेगी।
New Delhi: दिल्ली में लंबे समय से बरसात के दौरान जलभराव एक गंभीर समस्या रही है। इसे देखते हुए सरकार ने 50 साल बाद राजधानी के लिए नया ड्रेनेज मास्टर प्लान तैयार किया है। इस योजना की अनुमानित लागत 57 हजार करोड़ रुपये है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस महत्त्वाकांक्षी योजना का अनावरण किया। योजना का मकसद राजधानी में बाढ़ और जलभराव की समस्या का दीर्घकालिक समाधान करना है।
हथिनी कुंड बैराज पर डैम निर्माण
ड्रेनेज मास्टर प्लान में हथिनी कुंड बैराज के पास करीब 5200 एकड़ क्षेत्र में डैम बनाने का प्रावधान है। मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि मानसून के दौरान बैराज के पास आने वाले अत्यधिक पानी को रोकने के लिए डैम की आवश्यकता है। अगर पानी पूरी तरह रोका जाए तो डैम टूटने का खतरा रहता है। इस डैम से न केवल बाढ़ को नियंत्रित किया जाएगा बल्कि बिजली उत्पादन और जलापूर्ति की समस्या का समाधान भी संभव होगा।
यमुना नदी की डिसिल्टिंग और नालों का अपग्रेड
योजना के तहत यमुना नदी में बाढ़ रोकने के लिए डिसिल्टिंग की जाएगी और पुराने नालों, सीवरेज तथा स्टॉर्म वॉटर सिस्टम को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जाएगा। सबसे ज्यादा समस्या ITO बैराज से ओखला बैराज के बीच 14 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच में है, जहां गहराई 200 से 207 मीटर के बीच है। यमुना की पानी होल्डिंग क्षमता बढ़ाने से राजधानी में जलभराव की समस्या दूर होगी।
ड्रेनेज मास्टर प्लान की लागत और विस्तार
डैम के निर्माण पर लगभग 6134 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। योजना में यमुना की डिसिल्टिंग, पुराने नालों का अपग्रेड, सीवरेज सिस्टम का सुधार और स्टॉर्म वॉटर सिस्टम का आधुनिककरण शामिल है। इससे दिल्ली में बरसात के दौरान जलभराव की समस्या काफी हद तक खत्म होगी और शहर की स्वच्छता व्यवस्था मजबूत होगी।
स्वच्छता पर असर
इस मास्टर प्लान से न केवल जलभराव पर काबू मिलेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी गति मिलेगी। शहर में स्वच्छता व्यवस्था मजबूत होगी और जलस्तर नियंत्रित रहने से बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा कम होगा। योजना के लागू होने के बाद आने वाले कई वर्षों तक दिल्ली में जलभराव की समस्या नहीं होगी।
सरकार का दावा
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ सालों से बाढ़ की समस्या गंभीर हो रही थी। इस योजना से राजधानी को दीर्घकालिक राहत मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी बताया कि ड्रेनेज मास्टर प्लान के लागू होने के बाद सड़कें और सार्वजनिक स्थल बरसात के दौरान जलमग्न नहीं होंगे।
आईटीओ से ओखला तक की स्थिति सुधारना
योजना के तहत ITO से ओखला बैराज के बीच 14 किलोमीटर लंबी नदी की गहराई बढ़ाई जाएगी और पानी के प्रवाह को नियंत्रित किया जाएगा। इससे बारिश के पानी का स्टोर और निकास दोनों नियंत्रित रहेंगे। पुराने नालों और सीवरेज सिस्टम के अपग्रेड से शहर में जलभराव की समस्या पूरी तरह से खत्म होगी।