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कोटा में बड़ा हादसा टला पाड़ाझर वाटरफॉल के उफनते नाले में बहे तीन छात्र सुरक्षित बचाए गए

कोटा में बड़ा हादसा टला पाड़ाझर वाटरफॉल के उफनते नाले में बहे तीन छात्र सुरक्षित बचाए गए

कोटा के पास रावतभाटा पाड़ाझर वाटरफॉल पर पिकनिक मनाने गए तीन कोचिंग छात्र स्कूटी समेत नाले में आए उफान में बह गए। गनीमत रही कि ग्रामीणों और शिक्षकों की सतर्कता से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

Kota News: राजस्थान के कोटा जिले के रावतभाटा पाड़ाझर वाटरफॉल पर रविवार को बड़ा हादसा टल गया, जब पिकनिक मनाने पहुंचे तीन कोचिंग छात्र अचानक नाले में आए उफान में बह गए। मौके पर मौजूद ग्रामीणों और टीचर्स ने तीनों को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जबकि स्कूटी निकालने में तीन घंटे लगे।

अचानक नाले में आया तेज उफान

कोटा के पास रावतभाटा पाड़ाझर वाटरफॉल पर शुक्रवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। तीन कोचिंग छात्र स्कूटी से नाला पार कर रहे थे, तभी अचानक पानी का बहाव तेज हो गया और वे बहने लगे। ग्रामीणों और शिक्षकों ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद तीनों को सुरक्षित बाहर निकाला।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले में कुछ ही मिनटों में पानी का स्तर बढ़ गया था। छात्रों को तुरंत नहीं निकाला जाता तो हालात गंभीर हो सकते थे। हालांकि, स्कूटी को बाहर निकालने में अतिरिक्त तीन घंटे लगे, जिससे साफ है कि पानी का दबाव कितना ज्यादा था।

किराए की स्कूटी पर पहुंचे थे छात्र

जानकारी के अनुसार, छात्र सुधांशु, शिवम और रितु कोटा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। पिकनिक मनाने के लिए तीनों ने किराए की स्कूटी ली थी और पाड़ाझर वाटरफॉल घूमने पहुंचे थे। इस दौरान अचानक बारिश शुरू हो गई और नाला उफान पर आ गया।

ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना में शामिल छात्रों में से एक उत्तर प्रदेश के विधायक का बेटा भी है। स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर आसपास के लोग और टीचर्स मौके पर मौजूद नहीं होते तो यह हादसा जानलेवा साबित हो सकता था।

शिक्षकों और ग्रामीणों ने मिलकर किया रेस्क्यू

लुहारिया स्कूल के शिक्षक दिनेश कुमार वर्मा, मुकुट बिहारी मीणा, सतीश राठौर और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने हाथों और रस्सियों की मदद से छात्रों को पानी से बाहर निकाला। सभी ने मिलकर टीमवर्क दिखाया और मुश्किल हालात में भी हार नहीं मानी।

शिक्षक मुकुट बिहारी मीणा ने बताया कि इस इलाके का कैचमेंट एरिया बहुत बड़ा है। बारिश होते ही अचानक पानी का तेज बहाव आ जाता है। शुक्रवार को भी ऐसी ही स्थिति बनी और छात्र स्कूटी समेत पानी में बह गए, लेकिन ग्रामीणों और शिक्षकों की सूझबूझ से उनकी जान बच गई।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

ग्रामीणों ने कहा कि पाड़ाझर और लुहारिया नाले में अचानक तेज बहाव आना आम बात है। कुछ ही समय पहले दो ग्रामीण महिलाओं को इलाज नहीं मिल पाया था क्योंकि रास्ते पानी में डूब गए थे। इस कारण उनकी मौत हो गई थी।

यही वजह है कि वन विभाग और सिविल डिफेंस बार-बार लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देता है। बावजूद इसके, कई लोग चेतावनियों को नज़रअंदाज कर पिकनिक मनाने यहां पहुंच जाते हैं और हादसों का शिकार बनते हैं।

प्रशासन ने तैनात की सिविल डिफेंस की टीम

प्रशासन ने पाड़ाझर वाटरफॉल क्षेत्र में सिविल डिफेंस के जवानों को तैनात कर रखा है। लेकिन शुक्रवार की घटना से साफ हुआ कि अचानक पानी आने पर सुरक्षा इंतजाम भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।

अधिकारियों ने अपील की है कि लोग बिना मौसम और हालात की जानकारी लिए ऐसे पिकनिक स्थलों पर न जाएं। कोटा कोचिंग हब होने के कारण यहां बाहर से आने वाले छात्र अक्सर पाड़ाझर घूमने जाते हैं। ऐसे में प्रशासन और अभिभावकों को भी मिलकर छात्रों को जागरूक करना जरूरी है।

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