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Jammu Kashmir Encounter: उधमपुर में जैश आतंकियों से मुठभेड़ जारी, एक जवान शहीद, सुरक्षा बल सक्रिय

Jammu Kashmir Encounter: उधमपुर में जैश आतंकियों से मुठभेड़ जारी, एक जवान शहीद, सुरक्षा बल सक्रिय

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में दूदू-बसंतगढ़ पहाड़ियों में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। गोलीबारी में एक जवान शहीद हुआ। सेना और पुलिस ने आतंकवादियों को घेर रखा है और अभियान पूरी तरह सतर्कता के साथ जारी है।

Encounter: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में शुक्रवार देर रात से सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ (encounter) जारी है। दूदू-बसंतगढ़ की पहाड़ियों में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के 3 से 4 आतंकवादियों को संयुक्त बलों ने घेर लिया है। मुठभेड़ शुक्रवार रात 8 बजे से शुरू हुई और लगातार जारी है। इस गोलीबारी में सेना का एक जवान शहीद (martyr) हो गया। घायल जवान को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। सुरक्षा बलों और पुलिस की संयुक्त टीमें इलाके में पूरी तरह सक्रिय हैं और आतंकवादियों को घेरने का अभियान जारी है।

मुठभेड़ कैसे शुरू हुई

अधिकारियों ने बताया कि विशिष्ट सूचना (specific intelligence) के आधार पर भारतीय सेना, विशेष अभियान समूह (SOG) और पुलिस ने सोजधार के ऊंचाई वाले इलाके से लगे दूदू पुलिस थाना क्षेत्र में अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान आतंकवादियों से संपर्क हुआ और मुठभेड़ शुरू हो गई। 

जम्मू पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि मुठभेड़ अब भी जारी है और एसओजी, पुलिस और भारतीय सेना की संयुक्त टीमें आतंकवादियों को पकड़ने में लगी हुई हैं। इससे पहले व्हाइट नाइट कोर के अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ के सामान्य इलाके में खुफिया आधारित अभियान के तहत रात लगभग 8 बजे आतंकवादियों से संपर्क स्थापित हुआ।

पिछले साल भी इस इलाके में हुई मुठभेड़ें

पिछले एक साल में दूदू-बसंतगढ़ और आसपास के जंगलों में कई बार मुठभेड़ (encounters) हुई हैं। बीते 26 जून को इसी इलाके में हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर हैदर मार गिराया गया था। हैदर पाकिस्तान स्थित जैश का सक्रिय सदस्य था और पिछले चार वर्षों से इस क्षेत्र में आतंकवादियों को संगठित कर रहा था। इसके अलावा, 25 अप्रैल को बसंतगढ़ क्षेत्र में मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हुआ था। यह इलाके लगातार आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के लिए संवेदनशील (sensitive) बना हुआ है।

जवानों की बहादुरी

सुरक्षा बलों और पुलिस ने घेराबंदी (encirclement) और रणनीति के साथ अभियान चलाया ताकि आतंकवादियों को किसी भी तरह का बचाव न मिल सके। इस अभियान में सेना के जवानों ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर नागरिकों और अपने साथियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। मुठभेड़ के दौरान उच्च पहाड़ी क्षेत्रों और जंगलों में लगातार गोलीबारी हुई।

आतंकवादियों के पीछे की जानकारी

अधिकारियों के अनुसार, घिरे आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सदस्य, जो इस क्षेत्र में कई सालों से सक्रिय हैं। ये आतंकवादी पाकिस्तान से संगठित होकर स्थानीय क्षेत्रों में हिंसा फैलाने और सुरक्षा बलों को चुनौती देने का काम करते हैं। दूदू-बसंतगढ़ की पहाड़ियों को आतंकवादियों के लिए बेस के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।

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