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डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा आरोप, UN महासभा के दौरान मेरे भाषण को रोकने के लिए रची गई तीन खतरनाक साजिशें

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा आरोप, UN महासभा के दौरान मेरे भाषण को रोकने के लिए रची गई तीन खतरनाक साजिशें

UN महासभा के 80वें सत्र में डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनके खिलाफ तीन घटनाएं हुईं—एस्केलेटर अचानक रुकना, भाषण के दौरान टेलीप्रॉम्प्टर बंद होना और सभागार की आवाज कट जाना। उन्होंने इसे सुनियोजित साजिश बताया।

UN: अमेरिकी राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार वजह बना है संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र। ट्रंप का दावा है कि न्यूयॉर्क में हुए इस सत्र के दौरान उनके खिलाफ लगातार तीन बड़ी घटनाएं हुईं, जिन्हें वह किसी सामान्य तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश मानते हैं। उन्होंने इन घटनाओं को सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर साझा किया और कहा कि यह न सिर्फ उनके लिए खतरनाक था, बल्कि अमेरिकी प्रतिष्ठा के खिलाफ भी था।

ट्रंप ने अपनी बात बेहद तीखे अंदाज़ में रखी। उन्होंने साफ कहा कि यह सब महज संयोग नहीं हो सकता। चाहे एस्केलेटर अचानक रुक जाना हो, टेलीप्रॉम्प्टर का काम न करना या फिर सभागार में आवाज बंद हो जाना—ये सब घटनाएं एक साथ होना किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्या हुआ था संयुक्त राष्ट्र में ट्रंप के साथ।

पहली घटना: अचानक रुक गया एस्केलेटर

डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के मुख्य भाषण स्थल तक पहुंचने के लिए उन्हें एस्केलेटर का इस्तेमाल करना पड़ा। लेकिन जैसे ही वह अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ उस पर चढ़े, एस्केलेटर अचानक जोर से रुक गया। ट्रंप ने कहा कि यह इतना अचानक हुआ कि उनकी और मेलानिया की जान तक जा सकती थी।

ट्रंप के शब्दों में—"यह बेहद खतरनाक स्थिति थी। हम स्टील की सीढ़ियों के नुकीले किनारों पर मुंह के बल गिर सकते थे। केवल इसलिए बच पाए क्योंकि हमने रेलिंग को मजबूती से पकड़ रखा था।"

उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ एक सामान्य तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया काम था। ट्रंप ने ब्रिटेन के एक अखबार London Times की रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र के कुछ कर्मचारी एस्केलेटर को बंद करने को लेकर मजाक कर रहे थे। ट्रंप ने कड़े शब्दों में कहा कि ऐसे लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

दूसरी घटना: भाषण के समय टेलीप्रॉम्प्टर बंद

एस्केलेटर की घटना के बाद ट्रंप ने सोचा कि अब सब ठीक होगा। लेकिन उनके मुताबिक असली चुनौती अभी बाकी थी। जब वह संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पहुंचे और दुनिया भर के लाखों दर्शकों तथा हॉल में मौजूद शीर्ष नेताओं को संबोधित करने लगे, तभी उनका टेलीप्रॉम्प्टर काम करना बंद कर गया।

ट्रंप ने कहा—"मैं वहां खड़ा था और अचानक स्क्रीन पर शब्द गायब हो गए। मैंने मन ही मन सोचा कि पहले एस्केलेटर और अब टेलीप्रॉम्प्टर, आखिर हो क्या रहा है।"

हालांकि, ट्रंप ने इसे अपनी ताकत साबित करने का मौका बना लिया। उन्होंने बिना टेलीप्रॉम्प्टर के भाषण देना शुरू किया और पूरे 15 मिनट तक पूरी तरह एक्सटेम्पोर (बिना तैयारी के) बोले। बाद में उनका यह भाषण कई जगह सराहा भी गया। ट्रंप ने कहा कि बहुत कम नेता ऐसा कर पाते, लेकिन उन्होंने यह करके दिखाया।

तीसरी घटना: सभागार की आवाज बंद

ट्रंप ने सबसे चौंकाने वाली घटना का जिक्र अंत में किया। उन्होंने बताया कि जब वह अपना भाषण खत्म करके बैठे, तो उन्हें पता चला कि सभागार में लगे स्पीकर सिस्टम की आवाज पूरी तरह से बंद थी। इसका मतलब यह था कि अधिकांश विश्व नेताओं ने उनका भाषण सुना ही नहीं।

उन्होंने बताया—"जब मैंने मेलानिया से पूछा कि मैंने कैसा बोला, तो उन्होंने कहा कि वह मेरा एक भी शब्द नहीं सुन पाईं। क्योंकि आवाज ही बंद थी। यह कितनी शर्मनाक बात है कि संयुक्त राष्ट्र जैसा मंच इस तरह की तकनीकी गड़बड़ी को होने देता है।"

ट्रंप ने जोर देकर कहा कि यह कोई तकनीकी समस्या नहीं बल्कि जानबूझकर की गई हरकत थी, ताकि उनका संदेश दुनिया तक न पहुंच सके।

"यह सब संयोग नहीं, शर्म आनी चाहिए": ट्रंप का आरोप

तीनों घटनाओं को गिनाते हुए ट्रंप ने कहा कि इन्हें सिर्फ दुर्घटना या तकनीकी खराबी मानना सही नहीं होगा। उनके मुताबिक यह सब किसी साजिश का हिस्सा था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा—"यह सब किसी बड़े षड्यंत्र का संकेत है। संयुक्त राष्ट्र को इस पर शर्म आनी चाहिए। मैं इस पूरी घटना की लिखित रिपोर्ट महासचिव को भेज रहा हूं और तत्काल जांच की मांग करता हूं।"

ट्रंप ने यह भी कहा कि एस्केलेटर पर लगे सभी सुरक्षा टेप और खासकर इमरजेंसी स्टॉप बटन की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने साफ किया कि अमेरिकी सीक्रेट सर्विस इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है।

क्यों उठ रहा है सवाल UN की विश्वसनीयता पर

संयुक्त राष्ट्र को हमेशा से ही वैश्विक समस्याओं के समाधान और अंतरराष्ट्रीय शांति के मंच के रूप में देखा गया है। लेकिन हाल के वर्षों में इसकी भूमिका और निष्पक्षता पर कई बार सवाल उठे हैं। डोनाल्ड ट्रंप जैसे बड़े नेता द्वारा सार्वजनिक रूप से यह कहना कि UN मंच पर उनके साथ "साजिश" की गई, संगठन की विश्वसनीयता को और अधिक चुनौती देता है।

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