दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU Election 2025) के नतीजों का इंतजार खत्म होने वाला है। 19 सितंबर को मतगणना जारी है और कुछ ही देर में साफ हो जाएगा कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और सह सचिव पद पर किस उम्मीदवार का कब्जा होगा।
DUSU Election Result: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 की वोटिंग पूरी हो चुकी है और आज, 19 सितंबर को मतगणना के नतीजे सामने आएंगे। इस बार के चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ 1.55 लाख से अधिक छात्रों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। छात्र संघ के चारों प्रमुख पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और सह सचिव पर किसकी जीत होगी, इसे लेकर छात्र समुदाय और राजनीतिक दलों में उत्सुकता और गहमागहमी का माहौल है। इस बार के चुनाव में कई नए मुद्दे भी सामने आए हैं, जिनसे न केवल छात्र राजनीति बल्कि विश्वविद्यालय के माहौल में भी हलचल रही है।
मुख्य मुकाबला: ABVP बनाम NSUI
इस बार का चुनाव मुख्य रूप से दो प्रमुख छात्र संगठनों के बीच टक्कर का माना जा रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा हुआ है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), जो कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन है। चार केंद्रीय पदों के लिए कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि असली मुकाबला ABVP और NSUI के बीच ही देखा जा रहा है।
अध्यक्ष पद के लिए 9 उम्मीदवार खड़े हैं। NSUI से जोसलिन नंदिता चौधरी ने छात्रावास सुविधा, महिला सुरक्षा और मासिक धर्म अवकाश का मुद्दा उठाया।ABVP से आर्यन मान ने सब्सिडी मेट्रो पास, मुफ्त वाई-फाई और खेल सुविधाओं का वादा किया। इसके अलावा अंजलि (SFI-आइसा) और अन्य उम्मीदवार भी मुकाबले में हैं, लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से NSUI और ABVP के बीच ही माना जा रहा है।
चुनावी माहौल और आरोप-प्रत्यारोप
इस बार के चुनाव में कई नए मुद्दे और विवाद सामने आए। EVM छेड़छाड़ और बूथ कैप्चरिंग के आरोपों ने माहौल को गरमा दिया। NSUI ने ABVP पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया। वहीं, ABVP ने इसे विपक्ष की राजनीति बताया। परिसर में झड़पों और विरोध प्रदर्शनों की वजह से सुरक्षा इंतजाम बेहद कड़े रखे गए। दिल्ली पुलिस और सुरक्षाबल पूरे कैंपस के बाहर तैनात हैं।
18 सितंबर को हुए मतदान में शाम 7:30 बजे तक वोटिंग चली और रिकॉर्ड तोड़ मतदान दर्ज हुआ। 1.55 लाख से अधिक छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह उत्साह इस बात का संकेत है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं और अपनी समस्याओं को लेकर बेहद सजग हैं।
चुनाव प्रचार में छाए रहे मुद्दे
- महिला सुरक्षा और छात्रावास सुविधा
- मेट्रो पास पर सब्सिडी
- कैंपस में मुफ्त वाई-फाई
- खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा
- मासिक धर्म अवकाश (menstrual leave)
इन वादों ने छात्रों के बीच खूब बहस छेड़ी और यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किस एजेंडे को प्राथमिकता देते हैं। पिछले साल डूसू चुनाव परिणामों में काफी देरी हुई थी, जिसके कारण विवाद भी खड़े हुए थे। इस बार प्रशासन ने साफ-सफाई और गिनती की तैयारी पहले से कर ली थी ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचा जा सके।