गुजरात ATS ने बेंगलुरु से झारखंड निवासी शमा परवीन को गिरफ्तार किया, जो अल-कायदा मॉड्यूल चला रही थी। यह गिरफ्तारी चार आतंकियों से पूछताछ के बाद हुई।
Gujarat ATS Arrest: गुजरात की आतंकवाद निरोधी शाखा (ATS) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बेंगलुरु से अल-कायदा से जुड़ी एक महिला संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। महिला की पहचान 33 वर्षीय शमा परवीन के रूप में हुई है, जो मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है। पुलिस के मुताबिक, शमा परवीन बेंगलुरु में अल-कायदा के आतंकी नेटवर्क को संचालित कर रही थी और संगठन की गतिविधियों का ऑनलाइन समन्वय कर रही थी।
बेंगलुरु से किया गया गिरफ्तार, ATS को बड़ी सफलता
शमा परवीन की गिरफ्तारी मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को की गई। वह बेंगलुरु के मनोरायनपाल्या इलाके में अपने छोटे भाई के साथ रह रही थी। एटीएस को पहले से गिरफ्तार चार आतंकियों से पूछताछ में मिले सुरागों के आधार पर शमा की भूमिका का पता चला। यह गिरफ्तारी गुजरात ATS के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
गृह मंत्री ने बताया खतरनाक और कट्टरपंथी महिला
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने मीडिया को बताया कि शमा परवीन एक बेहद कट्टरपंथी विचारधारा वाली महिला है। वह पाकिस्तान के आतंकियों के संपर्क में थी और एक सक्रिय ऑनलाइन मॉड्यूल चला रही थी, जिसके जरिए युवाओं को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि महिला का नेटवर्क डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बहुत सक्रिय था।
अल-कायदा के चार आतंकियों की गिरफ्तारी से खुला मामला
इससे पहले 23 जुलाई को गुजरात एटीएस ने अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारियां दिल्ली, नोएडा, अहमदाबाद और मोडासा से की गई थीं। पकड़े गए आतंकियों के नाम हैं:
- मोहम्मद फैक (दिल्ली से)
- मोहम्मद फरदीन (नोएडा से)
- सेफुल्लाह कुरैशी (अहमदाबाद से)
- जीशान अली (मोडासा से)
ये सभी 20 से 25 वर्ष की उम्र के थे और एक बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहे थे। पुलिस के अनुसार, ये लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए थे और ऑनलाइन माध्यम से कट्टरपंथी विचारों का आदान-प्रदान कर रहे थे।
शमा परवीन की भूमिका क्यों है महत्वपूर्ण
ATS की जांच में सामने आया कि शमा परवीन न केवल इन चारों आतंकियों के संपर्क में थी, बल्कि वह इस मॉड्यूल की मुख्य संचालिका थी। उसका कार्य सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स के जरिए आतंकी संदेशों का आदान-प्रदान करना और नए सदस्यों की भर्ती करना था। उसके लैपटॉप और मोबाइल से कई संवेदनशील दस्तावेज, चैट रिकॉर्ड और कट्टरपंथी सामग्री बरामद की गई है।
बेंगलुरु में आतंक का डिजिटल अड्डा
जानकारी के अनुसार, परवीन पिछले तीन साल से बेंगलुरु में रह रही थी। उसके छोटे भाई की शहर में नौकरी है और वह खुद बेरोजगार थी। पड़ोसियों ने बताया कि वह ज्यादातर समय घर में ही रहती थी और स्थानीय लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करती थी। ATS को यह भी संदेह है कि परवीन बेंगलुरु को अल-कायदा का ऑपरेशनल बेस बनाने की कोशिश कर रही थी।
ATS की डिजिटल ट्रैकिंग से मिली सफलता
गुजरात ATS ने बताया कि उन्होंने डिजिटल फुटप्रिंट्स और सोशल मीडिया एक्टिविटी के जरिए परवीन की गतिविधियों को ट्रैक किया। बार-बार कट्टरपंथी कंटेंट और संदिग्ध अकाउंट्स से संपर्क में आने के कारण वह एजेंसियों की नजर में आई।
पाकिस्तानी कनेक्शन की पुष्टि
गुजरात के गृह मंत्री ने यह भी कहा कि परवीन के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क की पुष्टि हो चुकी है। ATS की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह पाकिस्तान के हैंडलर्स से निर्देश ले रही थी और भारत में उनके निर्देशों का पालन कर रही थी।