गुरुग्राम के सेक्टर-39 थाना क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक 22 वर्षीय युवती निकिता का शव पेइंग गेस्ट (PG) में फंदे से लटका मिला। निकिता, जो मूल रूप से जम्मू की रहने वाली थी, पिछले तीन वर्षों से गुरुग्राम की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) में काम कर रही थी और दो अन्य लड़कियों के साथ उसी पीजी में रह रही थी। घटना की जानकारी शुक्रवार शाम को उस वक्त मिली जब उसकी एक रूममेट काम से वापस लौटी और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद पाया।
दरवाजा खोला तो दिखा दिल दहलाने वाला दृश्य
रूममेट ने जब कई बार दरवाजा खटखटाया और अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो उसने जबरन दरवाजा खोला। कमरे के अंदर का नजारा देखकर वह हैरान रह गई, निकिता का शव पंखे से लटका हुआ था। पुलिस को तुरंत सूचना दी गई, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शव के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे मामला और ज्यादा संदिग्ध हो गया है। परिजनों को सूचना देने के बाद शनिवार सुबह निकिता के माता-पिता गुरुग्राम पहुंचे, जिसके बाद शव उन्हें सौंप दिया गया।
परिवार ने आत्महत्या से किया इनकार
निकिता के परिजनों ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। निकिता के पिता का कहना है कि उनकी बेटी मानसिक रूप से मजबूत थी और उसने कभी भी आत्महत्या जैसे विचार नहीं जताए थे। उनका आरोप है कि निकिता को किसी ने ब्लैकमेल किया या मानसिक प्रताड़ना दी गई, जिससे वह तनाव में आ गई। परिजनों ने पीजी में रहने वाली अन्य युवतियों पर भी शक जाहिर किया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पुलिस जांच में जुटी
गुरुग्राम पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल मामला आईपीसी की धारा 174 के तहत दर्ज किया गया है और पीजी में रहने वाली अन्य युवतियों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही निकिता के मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर ही मौत की असल वजह सामने आएगी।
सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
यह मामला सिर्फ एक संदिग्ध मौत की जांच तक सीमित नहीं रह गया है। इससे पीजी में रहने वाली युवतियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। ऐसे में पुलिस और प्रशासन पर निष्पक्ष और गहन जांच की जिम्मेदारी है ताकि सच सामने आ सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।