हिमाचल प्रदेश में 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के चारों उम्मीदवारों की जीत का अंतर असामान्य रूप से बड़ा था, जिससे संदेह पैदा होता है।
हिमाचल प्रदेश: राजनीति में एक बार फिर से चुनावी विवाद ने तेज़ी पकड़ ली है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा के चारों उम्मीदवारों की जीत के बड़े मतांतर पर संदेह किया जाना चाहिए। यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हाल ही में चुनावों में वोट चोरी के आरोप लगाने के बाद आया है, जिसने पूरे देश में सियासी हलचल मचा दी है।
2019 के चुनाव परिणाम पर उठे सवाल
प्रतिभा सिंह ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश से भाजपा के चारों प्रत्याशियों की जीत का अंतर अत्यधिक बड़ा था, जिसे सामान्य चुनावी रुझान के आधार पर स्वीकार करना कठिन है। उन्होंने बताया कि 2019 से पहले प्रदेश में इतनी व्यापक और एकतरफा जीत देखने को नहीं मिली थी। इससे यह सवाल उठता है कि क्या चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुए थे?
प्रतिभा सिंह ने विशेष रूप से मंडी संसदीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने इस सीट से तीन बार प्रतिनिधित्व किया है और उन्हें इलाके के वोट बैंक का पूरा अनुभव है। जब 2024 में एक नया चेहरा, जिसके राजनीतिक अनुभव या जुड़ाव नहीं है, इतने बड़े अंतर से जीतता है, तो स्वाभाविक है कि संदेह होता है।
चुनावों में बढ़ता मत अंतर
2019 के लोकसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश के चारों सीटों पर विजेताओं ने कांग्रेस उम्मीदवारों से 3.27 लाख से लेकर 4.77 लाख मतों के बीच अंतर से जीत हासिल की थी। यह मत अंतर सामान्य चुनावी मुकाबले की तुलना में कहीं अधिक था। प्रतिभा सिंह ने कहा कि यह नतीजे एग्जिट पोल, मीडिया रिपोर्ट्स और नेताओं की अपेक्षाओं के बिल्कुल विपरीत थे, जो चुनाव के निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं।
राहुल गांधी का वोट चोरी का दावा और हिमाचल प्रदेश का जुड़ाव
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों कर्नाटक के महादेवपुर क्षेत्र में कथित रूप से हुए चुनावी गड़बड़ी का सबूत सार्वजनिक किए थे। उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा पर मिलकर वोट चोरी करने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह ने भी 2019 के चुनावों में गड़बड़ी को लेकर आवाज उठाई है।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि देश के कई राज्यों से कांग्रेस नेताओं ने भी इसी तरह की आशंकाएं जताई हैं और कांग्रेस संगठन इन सभी तथ्यों को जनता के सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाराष्ट्र में भी वोट चोरी को लेकर सियासी बयानबाजी
हिमाचल प्रदेश के इस बयान के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी वोट चोरी को लेकर बयानबाजी तेज़ हो गई है। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के दो प्रमुख दल शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने भी चुनावों में धांधली के आरोप लगाए हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि दो लोगों ने चुनाव में उनकी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का मैनेजमेंट करने की पेशकश की थी, जिससे 60-65 टफ सीटें आसानी से जीत ली जा सकती थीं। वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कहा था कि उन्हें 160 सीटों पर जीत दिलाने की गारंटी दी गई थी, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
चुनाव आयोग पर सवालिया निशान
वोट चोरी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि चुनाव आयोग पूरी स्वतंत्रता और निष्पक्षता के साथ काम नहीं कर रहा है। वे दावा कर रहे हैं कि भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग ने गड़बड़ी को रोकने में नाकामी दिखाई है।
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को बार-बार खारिज किया है और कहा है कि भारत का चुनावी तंत्र पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है। आयोग ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया है और कहा है कि चुनाव प्रक्रियाओं में कोई गड़बड़ी नहीं हुई।
राजनीतिक माहौल में बढ़ते तनाव
प्रतिभा सिंह के इस बयान के बाद हिमाचल प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा ने इस आरोप को बेबुनियाद और राजनीतिक रंग देने की कोशिश बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस अपनी हार छुपाने के लिए ऐसे आरोप लगा रही है।
वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस मामले की पूरी पड़ताल करेंगे और जनता के सामने वास्तविकता लाएंगे। कांग्रेस का यह भी कहना है कि चुनावी गड़बड़ी को लेकर आवाज़ उठाना लोकतांत्रिक अधिकार है और इस पर दबाव नहीं बनाया जा सकता।