हर साल 30 सितंबर को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय अनुवादक दिवस मनाया जाता है। यह दिवस केवल भाषाओं को बदलने या शब्दों का अनुवाद करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सभी अनुवादकों और भाषाई विशेषज्ञों के प्रयासों का सम्मान करने का अवसर है, जिन्होंने हमारी दुनिया को एक छोटा, जुड़ा हुआ और ज्ञानपूर्ण स्थान बनाने में योगदान दिया है। अनुवादक केवल शब्दों का अनुवाद नहीं करते; वे संस्कृति, इतिहास और भावनाओं का पुल बनाते हैं, जिससे अलग-अलग भाषाओं के लोग आपस में संवाद कर सकें और ज्ञान साझा कर सकें।
अंतरराष्ट्रीय अनुवादक दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय अनुवादक दिवस की शुरुआत 1953 में हुई थी, लेकिन इसे व्यापक रूप से मान्यता 2017 में मिली, जब संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने इसे आधिकारिक रूप से अपनाया। इसे अंतरराष्ट्रीय अनुवादक महासंघ (International Federation of Translators - IFT) द्वारा स्थापित किया गया था।
यह दिवस 30 सितंबर को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह दिन सेंट जेरोम के सम्मान में है। सेंट जेरोम ईसाई विद्वान और पुरोहित थे, जिन्होंने बाइबल का मूल हिब्रू भाषा से लैटिन में अनुवाद किया था। उनके इस योगदान के कारण उन्हें अनुवादकों का संरक्षक माना जाता है। इस दिन का चयन इसलिए किया गया ताकि अनुवादकों के महत्व को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जा सके।
इस अवसर पर दुनिया भर में संगोष्ठियाँ, सेमिनार और सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें अनुवाद और व्याख्या (Interpretation) के क्षेत्र की नई तकनीकें, चुनौतियाँ और अवसरों पर चर्चा होती है।
अनुवादकों का महत्व
आज की वैश्वीकरण की दुनिया में अनुवादकों का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्रा, व्यापारिक लेनदेन और वैश्विक शिक्षा के चलते अनुवादक हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।
अनुवादक सिर्फ भाषाई शब्दों का अनुवाद नहीं करते। वे साहित्य, तकनीकी सामग्री, फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री और विभिन्न सांस्कृतिक अनुभवों को सही अर्थ में नई भाषाओं में प्रस्तुत करते हैं। उनके प्रयासों के कारण ही हम विश्व साहित्य के खजाने तक पहुँच सकते हैं। उदाहरण के लिए, अंतोइन डे सेंट-एक्जुपरी की ‘द लिटिल प्रिंस’, कार्लो कोलॉडी की ‘पिनोचियो की रोमांचक यात्रा’, और अलिस इन वंडरलैंड जैसी कृतियाँ आज हर भाषा में पढ़ी जा सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय अनुवादक दिवस कैसे मनाएँ
- अनुवादित कृति पढ़ें
किसी विदेशी भाषा की पुस्तक, कविता या बच्चों की किताब पढ़ें, जिसे अनुवादित किया गया हो। इससे अनुवादकों के काम की सराहना होती है और आप नए साहित्यिक अनुभव का आनंद ले सकते हैं। - नई भाषा सीखें
अनुवादकों के योगदान को समझने और सराहने का एक तरीका यह है कि आप कोई नई भाषा सीखने का प्रयास करें। चाहे वह स्कूल में सीखी भाषा हो या कोई नई भाषा, इसका अभ्यास करने से भाषा की चुनौतियों का अनुभव होता है। - अनुवादित फिल्म देखें
विदेशियों की फिल्मों को डबिंग या सबटाइटल्स के माध्यम से देखें। यह आपको अनुवादक और वॉइस कलाकारों के योगदान को समझने का अवसर देता है। सबटाइटल्स के साथ मूल भाषा सुनना विशेष रूप से उपयोगी और रोचक अनुभव है। - अनुवादकों को सराहें
सोशल मीडिया पर अपने पसंदीदा अनुवादक या अनुवादित सामग्री के प्रकाशक को धन्यवाद और समर्थन भेजें। यह छोटे प्रयास भी उनके लिए बड़े प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं। - सम्मेलन और कार्यशालाओं में भाग लें
कई देश और संस्थाएँ इस दिन को विशेष कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के माध्यम से मनाती हैं। इसमें भाग लेकर आप अनुवाद और व्याख्या के पेशेवर अनुभवों को समझ सकते हैं और नए विचार प्राप्त कर सकते हैं।
पिछले अंतरराष्ट्रीय अनुवादक दिवस के थीम्स
IFT हर वर्ष इस दिवस के लिए एक थीम निर्धारित करता है। पिछले कुछ वर्षों की थीम में शामिल हैं:
- 2022: A World Without Barriers
- 2021: United in Translation
- 2018: Translation: Promoting Cultural Heritage in Changing Times
- 2015: The Changing Face of Translating and Interpreting
यह थीम अनुवादकों के काम के महत्व, संस्कृति और भाषाओं के बीच सेतु बनाने के प्रयासों को उजागर करती हैं।
अनुवाद और वैश्विक संस्कृति
अनुवाद केवल भाषा का कार्य नहीं है, बल्कि यह संस्कृति का भी सेतु है। किसी भी साहित्य या कला को जब अनुवादित किया जाता है, तो वह नई भाषा में भी मूल भावनाओं, सांस्कृतिक संदर्भ और शैली को बनाए रखता है। यह प्रक्रिया वैश्विक समझ और सहयोग को बढ़ावा देती है।
आज के समय में, अनुवाद का महत्व और भी बढ़ गया है। वैश्विक व्यापार, शिक्षा और सामाजिक संपर्कों के चलते यह आवश्यक है कि हर व्यक्ति की आवाज़ और सृजन दुनिया के किसी भी कोने में सुनी जा सके। अंतरराष्ट्रीय अनुवादक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि भाषा की सीमाओं को पार करना और विचारों का आदान-प्रदान करना कितनी बड़ी सेवा है।
अंतरराष्ट्रीय अनुवादक दिवस हमें याद दिलाता है कि अनुवादक केवल शब्दों के सेतु नहीं बनाते, बल्कि संस्कृति, ज्ञान और भावनाओं को जोड़कर दुनिया को करीब लाते हैं। उनके योगदान से हम वैश्विक समझ, सहयोग और विविधता का आनंद ले पाते हैं। यह दिवस उनके समर्पण और मेहनत का सम्मान करने का अवसर है।