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Jansuraj Protesters: बिहार में जनसुराज मार्च पर लाठीचार्ज, प्रशांत किशोर बोले- 'जनता के हक़ की दबाई जा रही आवाज़'

Jansuraj Protesters: बिहार में जनसुराज मार्च पर लाठीचार्ज, प्रशांत किशोर बोले- 'जनता के हक़ की दबाई जा रही आवाज़'

बिहार में जनसुराज पार्टी द्वारा निकाले गए मार्च पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार वादे पूरे नहीं कर रही है। दो लाख की सहायता राशि अब तक नहीं दी गई।

Jansuraj Protesters: बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को जनसुराज पार्टी के समर्थकों और प्रशांत किशोर के नेतृत्व में हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। यह प्रदर्शन राज्य सरकार की कथित विफलताओं और जनता से किए गए वादों को पूरा न किए जाने के खिलाफ आयोजित किया गया था। प्रदर्शनकारियों का इरादा विधानसभा तक मार्च करने का था, लेकिन उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया गया।

94 लाख परिवारों को सहायता का वादा अधूरा

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के बाद गरीब परिवारों को दो लाख रुपये सहायता देने का वादा किया था। यह घोषणा लगभग दो साल पहले की गई थी, लेकिन अब तक एक भी परिवार को यह सहायता नहीं मिली है। किशोर ने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से जनता का संदेश मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते थे, लेकिन सरकार ने मिलने से इनकार कर दिया।

सरकार से बातचीत की कोशिशें असफल

प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार हमारे प्रतिनिधियों से मिलने को तैयार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक सरकार का कोई अधिकारी हमसे बातचीत नहीं करता, तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे। उनका यह भी कहना था कि यह लड़ाई अभी शुरू हुई है और आगामी तीन महीनों में यह आंदोलन और तेज होगा।

जनता चाहती है बदलाव

किशोर ने बिहार की जनता की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि लोग अब बदलाव चाहते हैं। उनका कहना था कि बिहार के लोग भ्रष्टाचार और सुशासन के नाम पर धोखे से परेशान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस अब जनता के सवालों से नहीं बच सकते। यह आंदोलन बिहार की नई राजनीतिक चेतना का प्रतीक है।

नीतीश सरकार पर सीधा हमला

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वे विधानसभा में और पुलिस के पीछे नहीं छिप सकते। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो साल पहले जिन 94 लाख परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने की बात की थी, आज वही परिवार सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।

पुलिस की सफाई और प्रशासन की दलीलें

पटना की एसपी दीक्षा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने की इजाज़त नहीं थी क्योंकि वह इलाका प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, बशर्ते प्रदर्शनकारी एक प्रतिनिधिमंडल भेजें और अपनी माँगें स्पष्ट करें। यदि वे तय सीमा का उल्लंघन करते हैं, तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

हस्ताक्षर अभियान बना आंदोलन की नींव

जनसुराज पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि यह मार्च राज्य के एक करोड़ नागरिकों के हस्ताक्षर पर आधारित था। ये हस्ताक्षर प्रशांत किशोर द्वारा पिछले कुछ महीनों में चलाए गए अभियान के दौरान एकत्र किए गए थे। इस अभियान के मुख्य तीन मुद्दों में से एक था- सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सहायता के वादे को पूरा न करना। जातिगत सर्वेक्षण में स्पष्ट रूप से यह सामने आया था कि राज्य की एक बड़ी आबादी आर्थिक रूप से कमजोर है। इसके बावजूद सरकार की ओर से घोषित आर्थिक सहायता अभी तक ज़मीनी स्तर पर नहीं पहुंची है।

 

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