इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की शादी के 12 दिन बाद मेघालय में हत्या कर दी गई। पत्नी सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस जांच जारी है।
Sonam case: मेघालय में एक हनीमून ट्रिप के दौरान इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की रहस्यमयी हत्या ने पुलिस के सामने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले यह मामला एक लव ट्रायंगल और सुपारी किलिंग के रूप में सामने आया, जिसमें राजा की पत्नी सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा मुख्य आरोपी बताए गए। लेकिन अब पुलिस को शक है कि कहानी इससे कहीं ज़्यादा जटिल है।
शादी के 12 दिन बाद ही हत्या, पुलिस को हैरानी
राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम से हुई थी और 21 मई को दोनों मेघालय पहुंचे। लेकिन 23 मई को दोनों अचानक होमस्टे से चेकआउट कर लापता हो गए। कुछ ही दिनों में राजा का शव खाई में मिलने से यह मामला हत्या में बदल गया। पुलिस का सवाल है कि क्या कोई पत्नी शादी के केवल 12 दिनों बाद ही इतनी बड़ी साजिश रच सकती है?
सिर्फ प्रेमी नहीं, आर्थिक वजहें भी शक के घेरे में
पुलिस अब यह जांच रही है कि क्या हत्या के पीछे आर्थिक कारण थे। क्या राजा के नाम कोई बीमा था या संपत्ति विवाद था? क्या सोनम या उसके परिवार को किसी लाभ की उम्मीद थी? पुलिस ने अब वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन्स और प्रॉपर्टी दस्तावेजों की जांच तेज कर दी है।
राजा के परिवार का आरोप
राजा के पिता अशोक रघुवंशी ने मांग की है कि सोनम के माता-पिता और भाई का भी नार्को टेस्ट कराया जाए। उन्होंने दावा किया कि शादी के तुरंत बाद सोनम ने घर पर तंत्र-मंत्र से जुड़ी एक अजीब पोटली लटकाई थी। परिवार को शक है कि यह सब किसी गहरी साजिश का हिस्सा था।
फोन कॉल से खुली गिरफ़्तारी की राह
हत्या के बाद सोनम ने गाजीपुर से अपने भाई को फोन किया, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस हो सकी। यही कॉल उसकी गिरफ्तारी का आधार बनी। पुलिस अब यह समझने की कोशिश कर रही है कि सोनम ने फोन क्यों किया—क्या वह घबरा गई थी या वह किसी दबाव में थी?
क्या सोनम खुद किसी के दबाव में थी?
एक अहम जांच यह भी है कि कहीं सोनम किसी बड़े गिरोह या व्यक्ति के दबाव में तो नहीं थी। क्या उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था? पुलिस इस दिशा में उसके और राज कुशवाहा के बीच हुई पुरानी बातचीत और उनके रिश्ते की शुरुआत को खंगाल रही है।
स्पेशल टीम कर रही है जांच का नेतृत्व
मेघालय पुलिस ने इस केस की जटिलता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। SIT घटना स्थल पर जाकर रिक्रिएशन कर रही है ताकि पता चल सके कि हत्या किस परिस्थिति में और कैसे हुई।
जांच में आरोपियों के मोबाइल कॉल डिटेल्स, बैंक खातों और लोकेशन डेटा की गहन जांच हो रही है। पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि किस समय, कौन कहां था और किससे संपर्क में था। डिजिटल फोरेंसिक की मदद से नए सुराग निकलने की संभावना है।