कर्नाटक के बेंगलुरु में एक लड़की ने अपने मुस्लिम प्रेमी मोहम्मद इशाक पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने और धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप लगाया। मामला लव जिहाद का विवाद पैदा कर रहा है और पुलिस जांच कर रही है।
बेंगलुरु: एक हिंदू लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने अपने मुस्लिम प्रेमी मोहम्मद इशाक और उसके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लड़की का दावा है कि इशाक ने शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए, और बाद में उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव डाला। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, मामला एचएसआर लेआउट पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। शिकायत में बताया गया कि 17 अक्टूबर, 2024 को इशाक ने लड़की को इंस्टाग्राम पर फॉलो किया। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और नंबर एक्सचेंज हुए। लड़की ने कहा कि इशाक ने शुरुआत में उसे शादी का आश्वासन दिया और भरोसा दिलाया कि जल्द ही दोनों की शादी होगी।
शादी का झांसा देकर लड़की के साथ शारीरिक संबंध
लड़की ने अपनी शिकायत में बताया कि 30 अक्टूबर, 2024 को दोनों थानिसांद्रा मॉल में मिले। इशाक ने उसे शादी का वादा किया और दावा किया कि वह माता-पिता से अनुमति लेगा। इसके बाद दोनों दशरहल्ली में एक कमरे में गए।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि इशाक ने शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। जब उसने इनकार किया, तो इशाक ने भरोसा दिलाया कि शादी के बाद यह कोई गलत काम नहीं होगा। इसके बाद उसने लड़की के साथ बार-बार शारीरिक संबंध बनाए, जबकि असली इरादा शादी का नहीं था।
कई हिंदू लड़कियों को फंसाने का आरोप

लड़की ने बताया कि इशाक ने केवल उससे ही नहीं, बल्कि कई अन्य हिंदू लड़कियों के साथ भी ऐसा किया। पीड़िता ने कहा कि इशाक पहले ही 14 सितंबर, 2025 को एक मुस्लिम लड़की से सगाई कर चुका है। जब उसने इसके बारे में पूछताछ की, तो उसे धमकी दी गई कि अगर उसने संपर्क किया, तो उसकी जान को खतरा होगा।
पीड़िता ने यह भी बताया कि इशाक के व्यवहार से वह मानसिक रूप से परेशान रही और उसने आत्महत्या तक का प्रयास किया। यह मामला इसलिए गंभीर माना जा रहा है क्योंकि इसमें धर्म परिवर्तन का दबाव और मानसिक शोषण शामिल है।
शादी से पहले धर्म परिवर्तन का दबाव
शिकायत में कहा गया कि इशाक और उसके परिवार ने लड़की को यह बताया कि शादी के लिए उसे इस्लाम धर्म अपनाना होगा। इशाक के बड़े भाई और बहनोई ने उसे 40 दिनों में नमाज़ पढ़ना और धर्म परिवर्तन करना सिखाने के निर्देश दिए। पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके विवाह की बातचीत सिर्फ धर्म परिवर्तन के बाद ही आगे बढ़ सकती थी।
मामले पर सियासी बयानबाज़ी और जांच की मांग
यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में भी चर्चा का विषय बन गया। हिंदू संगठन पीड़िता के परिवार से संपर्क कर न्याय की मांग कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने इसे लव जिहाद का मामला बताया। पूर्व मंत्री सी.टी. रवि ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की मांग की।
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि राज्य में लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं और सरकार की अल्पसंख्यक तुष्टिकरण नीति के कारण कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे अपराधी महिलाओं और हिंदू परिवारों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।













