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लाड़ली बहना योजना: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रक्षाबंधन से पहले 1.26 करोड़ महिलाओं को ₹1500 की किस्त ट्रांसफर

लाड़ली बहना योजना: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रक्षाबंधन से पहले 1.26 करोड़ महिलाओं को ₹1500 की किस्त ट्रांसफर

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना के तहत रक्षाबंधन से पहले 1.26 करोड़ महिलाओं को ₹1500 की किस्त ट्रांसफर की। इसमें ₹1250 नियमित राशि और ₹250 रक्षाबंधन शगुन शामिल है। यह राशि DBT के माध्यम से भेजी गई।

CM Mohan Yadav: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज प्रदेश की 1.26 करोड़ बहनों को लाड़ली बहना योजना की अगली किस्त के रूप में ₹1500 की राशि ट्रांसफर करेंगे। इस बार की किस्त में जहां ₹1250 की नियमित राशि है, वहीं रक्षाबंधन के शगुन के रूप में अतिरिक्त ₹250 भी जोड़े गए हैं। यह राशि सीएम नरसिंहगढ़ (जिला राजगढ़) से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में दोपहर 3 बजे सीधे डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजेंगे।

लाड़ली बहना योजना: बहनों की आर्थिक आज़ादी की दिशा में बड़ा कदम

लाड़ली बहना योजना मई 2023 में शुरू हुई थी। इसमें 21 से 60 वर्ष की महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद मिलती है। पहले ₹1000, फिर ₹1250 और अब ₹1500 दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव रक्षाबंधन पर ₹1500 की रकम सीधे खातों में ट्रांसफर करेंगे। योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

इस योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं को केवल आर्थिक रूप से मजबूत करना नहीं, बल्कि उन्हें पारिवारिक व सामाजिक निर्णयों में भागीदार बनाना है।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

  • स्थान: नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़
  • समय: दोपहर 3 बजे
  • राशि: ₹1250 नियमित + ₹250 शगुन = ₹1500
  • लाभार्थी: 1.26 करोड़ महिलाएं
  • प्रसारण: लाइव कार्यक्रम प्रदेश भर में प्रसारित होगा
  • सीधे लाभार्थी के खाते में DBT के माध्यम से

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कार्यक्रम के माध्यम से सीधे बहनों से संवाद भी करेंगे और योजना के आगामी चरणों की जानकारी साझा करेंगे।

बहनों से सीधा संवाद, वादे और भविष्य की योजनाएं

3 अगस्त को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने यह घोषणा की थी कि वर्ष 2028 तक लाड़ली बहना योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर ₹3000 प्रतिमाह कर दिया जाएगा। यह वृद्धि चरणबद्ध तरीके से की जाएगी ताकि महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सम्मान में निरंतर वृद्धि हो।

मुख्यमंत्री ने कहा था, मेरी बहनों से वादा है कि हम उनके जीवन को बेहतर बनाएंगे। यह योजना केवल राशि देने का माध्यम नहीं, बल्कि सम्मान, आत्मबल और बराबरी का रास्ता है।'

DBT के जरिए पारदर्शिता और भरोसा

लाड़ली बहना योजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि लाभार्थियों को राशि बिचौलियों के बिना सीधे बैंक खाते में प्राप्त होती है। यह न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, बल्कि महिला को उसकी आय पर स्वामित्व का अधिकार भी देता है।

राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों का eKYC और आधार लिंकिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, जिससे राशि समय पर और सही खाते में पहुंचती है।

बहनों की प्रतिक्रिया: 'पहली बार महसूस हुआ कि सरकार हमारी भी है'

ग्वालियर की निवासी रीता बाई, जो पिछले एक साल से योजना की लाभार्थी हैं, कहती हैं: 'पहले हमें अपने खर्च के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब महीने की शुरुआत में ₹1250 मिल जाते हैं, जिससे घर के छोटे-मोटे खर्च खुद संभाल लेते हैं। इस बार शगुन के ₹250 से मैं बच्चों के लिए मिठाई और राखी खरीदूंगी।'

विपक्ष की आलोचना और सरकार का जवाब

हालांकि कुछ राजनीतिक दलों ने इस योजना को राजनीतिक लाभ का साधन बताया है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह योजना किसी चुनावी फायदे से अधिक महिला सशक्तिकरण की दीर्घकालीन नीति है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह योजना अगले कई वर्षों तक निरंतर जारी रहेगी और इसमें समय के साथ आवश्यक सुधार भी किए जाएंगे।

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