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UP Politics: BSP सुप्रीमो मायावती का दावा! सपा-कांग्रेस ने कांशीराम और दलित आंदोलन को किया नजरअंदाज

UP Politics: BSP सुप्रीमो मायावती का दावा! सपा-कांग्रेस ने कांशीराम और दलित आंदोलन को किया नजरअंदाज

उत्तर प्रदेश में मायावती ने सपा और कांग्रेस पर दलित विरोधी (anti-Dalit) रवैया रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि BSP का उद्देश्य दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा करना है और वोट बैंक राजनीति न करें।

Uttar Pradesh: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस पर दलित समुदाय के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दल समय-समय पर वोट बैंक (vote bank) की संकीर्ण राजनीति के कारण जनता के साथ छलावा करते रहे हैं। 

मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लंबी पोस्ट में बताया कि दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए काम करने वाले BSP के संस्थापक कांशीराम और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के मिशनरी आत्म-सम्मान (self-respect) और स्वाभिमान (dignity) मूवमेंट के प्रति SP और कांग्रेस का रवैया हमेशा जातिवादी और द्वेषपूर्ण (biased and hostile) रहा है।

सपा-कांग्रेस की राजनीति पर तीखा तंज

मायावती ने आरोप लगाया कि SP ने मान्यवर कांशीराम के जीवित रहते हुए उनके मूवमेंट को कमजोर करने की लगातार कोशिश की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि BSP सरकार ने 17 अप्रैल 2008 को कासगंज को जिला मुख्यालय का दर्जा देते समय इसे कांशीराम नगर नाम दिया था, लेकिन सपा सरकार ने जातिवादी सोच और राजनीतिक द्वेष के कारण इस नाम को बदल दिया। मायावती ने कहा कि ऐसे कदम स्पष्ट रूप से दलित विरोधी (anti-Dalit) और संकीर्ण राजनीति को दर्शाते हैं।

BSP द्वारा किए गए योगदान को नजरअंदाज करना

मायावती ने बताया कि BSP सरकार ने बहुजनों को शासक वर्ग बनाने के प्रयास किए। यूपी में BSP द्वारा सरकार बनाने और शिक्षा, स्वास्थ्य, विश्वविद्यालय, अस्पताल जैसी संस्थाओं की स्थापना में कांशीराम का योगदान बेमिसाल रहा। लेकिन सपा सरकार ने अधिकांश संस्थाओं के नाम बदल दिए। उन्होंने कहा कि यह घोर दलित विरोधी चाल और चरित्र का परिचायक है। इसके अलावा, कांशीराम के देहांत पर यूपी में राजकीय शोक घोषित नहीं किया गया, जबकि पूरे देश में शोक का माहौल था। कांग्रेस केंद्र में होने के बावजूद उनके निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया।

चुनाव और वोट बैंक की राजनीति

मायावती ने कहा कि SP और कांग्रेस समय-समय पर संकीर्ण राजनीति और वोटों के स्वार्थ के लिए कांशीराम को स्मरण करते हैं। उनके अनुसार, यह केवल दिखावा और छलावा है। उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसे दलों के चाल, चरित्र और नीति से सजग रहें। मायावती ने जोर देकर कहा कि जनता को विकास, समाजिक न्याय (social justice) और समानता (equality) पर ध्यान देना चाहिए, न कि केवल जाति और धर्म के आधार पर वोट देना चाहिए।

आगामी परिनिर्वाण दिवस पर विरोध

मायावती ने आगामी 9 अक्टूबर को कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित होने वाले आयोजनों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि SP प्रमुख की घोषणा केवल छलावा और दिखावा प्रतीत होती है। उनके अनुसार, यह मुँह में राम बगल में छुरी वाली राजनीति को चरितार्थ करने वाला कदम है। उन्होंने जनता से सावधान रहने की सलाह दी और कहा कि BSP का उद्देश्य हमेशा दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को सुरक्षित करना रहा है।

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