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लखनऊ: ऑनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी में 14 वर्षीय छात्र ने की आत्महत्या, मुख्य आरोपी झारखंड से गिरफ्तार

लखनऊ: ऑनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी में 14 वर्षीय छात्र ने की आत्महत्या, मुख्य आरोपी झारखंड से गिरफ्तार

लखनऊ में ऑनलाइन गेमिंग में 13 लाख रुपये की ठगी के बाद 14 वर्षीय यश कुमार ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मुख्य आरोपी सनत गोराई को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया और ठगी की बड़ी रकम बरामद की।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक 14 वर्षीय छात्र यश कुमार ने ऑनलाइन गेमिंग में हुए धोखाधड़ी के बाद आत्महत्या कर ली। मामले की गहन जांच के बाद पुलिस ने झारखंड से मुख्य आरोपी सनत गोराई को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने मासूम के भरोसे का फायदा उठाकर करीब 13 लाख रुपये की ठगी की थी।

धोखाधड़ी और आत्महत्या का मामला

लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में रहने वाले यश कुमार एक होनहार छात्र थे, जिन्हें ऑनलाइन गेमिंग का बेहद शौक था। पिछले कुछ महीनों से यश ऑनलाइन गेम्स में समय व्यतीत कर रहा था और इसी दौरान उसे धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। परिवार के अनुसार, यश के पिता ने अपने बैंक स्टेटमेंट में संदिग्ध लेनदेन देखकर तुरंत पुलिस को सूचना दी।

जांच में पता चला कि यश कुमार के गेमिंग अकाउंट के जरिए उसके पैसे चुराए गए थे। करीब 13 लाख रुपये की ठगी और आर्थिक नुकसान के कारण यश मानसिक दबाव में आ गया। इसके चलते उसने कथित तौर पर अपनी जान दे दी। यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके में शोक और चिंता का विषय बन गई है।

बच्चे को ऑनलाइन ठगी के जाल में फंसाया गया

डीसीपी दक्षिण लखनऊ, निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपी ने बड़ी साजिश के तहत यश के भरोसे को तोड़ा। आरोपी ने मासूम से लगातार संपर्क बनाए रखा और उसे यह भरोसा दिलाया कि वह गेमिंग आईडी को अपग्रेड करेगा।

विश्वास जीतने के बाद आरोपी ने यश के ईमेल और पासवर्ड लेकर पूरी रकम हड़प ली। अपग्रेडेड आईडी देने के वादे के बावजूद आरोपी ने केवल ठगी की और यश को भारी मानसिक तनाव में डाल दिया। यही तनाव मासूम के लिए घातक साबित हुआ।

झारखंड से मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी

पुलिस ने तकनीकी जांच और बैंक विवरण के आधार पर मुख्य आरोपी सनत गोराई की पहचान की। झारखंड के रांची जिले से गिरफ्तार किए गए 21 वर्षीय आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आरोपी के पास से 5 लाख रुपये बरामद किए हैं, जबकि बाकी रकम की तलाश जारी है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह साइबर फ्रॉड रैकेट और कितने लोगों से जुड़ा हुआ है। गिरफ्तारी से इस तरह के साइबर अपराधों में प्रशासन की तत्परता दिखाई देती है।

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