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तीसरी बार शटडाउन का सामना कर रहा अमेरिका, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की चेतावनी, बोले- हालात बढ़े तो होगी कर्मचारियों की छंटनी

तीसरी बार शटडाउन का सामना कर रहा अमेरिका, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की चेतावनी, बोले- हालात बढ़े तो होगी कर्मचारियों की छंटनी

अमेरिका में शटडाउन गहराने लगा है। सीनेट में मतदान विफल होने के बाद उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने चेतावनी दी कि यदि हालात हफ्तों तक चले तो लाखों संघीय कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ सकती है। सेवाएं भी ठप होंगी।

US Shutdown: अमेरिका में शटडाउन शुरू होने के तुरंत बाद ही संसद में इसे समाप्त करने की कोशिश की गई। लेकिन यह प्रयास नाकाम रहा। सीनेट में डेमोक्रेट सदस्य स्वास्थ्य देखभाल सब्सिडी के लिए अतिरिक्त फंड जारी करने की मांग पर अड़े रहे। वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन सदस्य इस मांग को पूरा करने के लिए तैयार नहीं हुए। इस टकराव के कारण मतदान विफल हो गया और सरकार का गतिरोध और गहरा गया।

उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की चेतावनी

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने शटडाउन के बीच गंभीर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर यह स्थिति कुछ दिनों से आगे बढ़कर हफ्तों तक खिंच गई तो सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। वेंस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे हालात में संघीय कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ेगी। उनका यह बयान यह संकेत देता है कि शटडाउन का असर केवल सेवाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि लाखों कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी पर भी सीधा खतरा मंडरा रहा है।

कर्मचारियों पर संकट

शटडाउन की वजह से संघीय सरकार के लगभग 7,50,000 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजे जाने की आशंका है। इनमें से कई को नौकरी से भी हटाया जा सकता है। कई सरकारी कार्यालय बंद करने की तैयारी की जा रही है और कुछ दफ्तर स्थायी रूप से बंद भी किए जा सकते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं पर दबाव बनाने के लिए कड़े कदम उठाने का इशारा दिया है, जिससे कर्मचारियों में और डर बढ़ गया है।

ठप पड़ेंगी सेवाएं

शटडाउन का असर सिर्फ कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा। इसका सीधा असर शिक्षा, पर्यावरण और अन्य जरूरी सेवाओं पर पड़ेगा। कई विभागों का काम पूरी तरह से रुक जाएगा और इसका बोझ आम नागरिकों को झेलना पड़ेगा। यह स्थिति पूरे देश को प्रभावित करेगी और अनिश्चितता का माहौल और गहराएगा।

तीसरी बार शटडाउन

यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका शटडाउन का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में यह तीसरी बार है जब ऐसी स्थिति बनी है। इस साल व्हाइट हाउस में ट्रंप की वापसी के बाद यह पहला शटडाउन है। लगातार शटडाउन से यह साफ हो गया है कि राजनीतिक गतिरोध का असर सीधे तौर पर आम जनता और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

क्या है शटडाउन

सरकारी शटडाउन तब होता है जब संसद यानी कांग्रेस वार्षिक बजट या फंडिंग बिल पास नहीं कर पाती। सरकार के अलग-अलग विभागों को चलाने के लिए भारी फंड की आवश्यकता होती है। अगर राजनीतिक मतभेदों के कारण बजट पर सहमति नहीं बनती तो सरकार के पास खर्च करने के लिए कानूनी अधिकार और पैसा नहीं बचता। ऐसे हालात में गैर-जरूरी सरकारी सेवाएं बंद कर दी जाती हैं। इसी स्थिति को सरकारी शटडाउन कहा जाता है।

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