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भुवनेश्वर: महुआरा के जाल में फंसी दुर्लभ प्रजाति की 'सोलपतिया मछली,’ कुछ ही पल में बना लखपति, एक किलो मछली की कीमत...

भुवनेश्वर: महुआरा के जाल में फंसी दुर्लभ प्रजाति की 'सोलपतिया मछली,’ कुछ ही पल में बना लखपति, एक किलो मछली की कीमत...
अंतिम अपडेट: 14-03-2024

ओडिशा का एक मछुआरा कुछ ही पल में लखपति बन गया है. कहावत हे की 'ऊपर वाला जब भी देता है, छप्पड़ फाड़कर देता है' और 'अंधे के हाथ बटेर लगना' यह दोनों कहावत मछुआरे पर सटिक बैठ रही है. हमेशा की तरह मछुआरा भद्रक धामरा मुहाना के चांदनी पाल का निवासी मछली पकड़ने के लिए गहरे समुद्र में गया था. मछली पकड़ते समय उसके जाल में बहुत सारी 'सोलपतिया मछली' फंस गई।

मछली को देखने के लिए उमड़ पड़ी भीड़

Subkuz.com के पत्रकार को प्राप्त जानकारी के अनुसार मछुआरे की किस्मत का ताला खुल गया. उसके जाल में एक नहीं सात प्रकार की दुर्लभ प्रजाति की 'सोलपतिया मछली' फंस गई. मछुआरा इन मछलियों को लेकर समुंद्र किनारे आया तो मछलियों को देखने के लिए लोगों भीड़ जमा हो गई. इन सभी मछलियों की नीलामी की गई, जिसमे कोलकाता के एक व्यापारी ने 8750 रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से एक लाख आठ हजार पांच सौ (1,08,500 रूपये) रुपए में खरीद लिया।

व्यापारी ने दवा कंपनी को बेची मछली

जानकारी के अनुसार नीलामी के दौरान मछुआरे से मछली खरीदने के बाद व्यापारी ने इन सभी मछलियों को चेन्नई की एक दवा कंपनी को बेच दी। बताया कि   भद्रक धामरा स्थान पर मछुआरे अक्सर ऐसी दुर्लभ और महंगी से महंगी मछली जाल में फंसाते है. मछुआरे ने बताया की 'घोल मछली'  जिसे स्थानीय भाषा में  'तेलिया मछली' कहा जाता है, अक्सर मछुआरों के जाल में फंसने वाली सबसे आम प्रजाति की मछली है. एक तेलिया मछली का वजन तकरीबन 30-35 किलो के बीच होता है और इसकी कीमत लगभग एक लाख दस हजार रुपये से भी अधिक होती हैं।

 

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