संसद के मानसून सत्र का आज 13वां दिन है। बीते दिनों की तरह आज भी हंगामे की आशंका है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एसएससी परीक्षा मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया है। कार्यवाही में देरी संभावित है।
Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र अपने 13वें दिन में प्रवेश कर चुका है लेकिन अब तक की कार्यवाही में सदन का बड़ा हिस्सा हंगामे और विरोध प्रदर्शनों की भेंट चढ़ चुका है। आज भी सदनों की कार्यवाही देर से शुरू होने की संभावना है। इस बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शिक्षा और परीक्षा प्रणाली से जुड़ी गड़बड़ियों पर गंभीर सवाल उठाते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव दाखिल किया है।
मानसून सत्र में लगातार जारी है हंगामा
संसद का मौजूदा मानसून सत्र अब तक काफी विवादों और विरोधों से घिरा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में विपक्ष के तेवर लगातार तीखे रहे हैं। बीते दिनों भी दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी क्योंकि विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कई मुद्दों पर जवाब मांगा।
सरकार अब संसदीय गतिरोध खत्म करने और लंबित विधायी कार्यों को प्राथमिकता देने की कोशिश में है। इसके तहत केंद्र सरकार कई अहम विधेयकों को पारित कराने की योजना पर काम कर रही है।
सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के अलावा कोई ठोस बहस नहीं
अब तक के सत्र में केवल पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर ही कुछ समय के लिए गंभीर चर्चा हो पाई है। इसके अलावा शेष कार्यवाही विपक्ष के विरोध प्रदर्शन और हंगामे के कारण प्रभावित रही है। इससे सदन के सुचारू संचालन पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
राज्यसभा में शिक्षा प्रणाली पर उठे सवाल
13वें दिन की कार्यवाही से पहले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर चर्चा का मुद्दा बदलने की कोशिश की है। उन्होंने राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव दाखिल किया है जिसमें उन्होंने SSC Phase 13 परीक्षा में कथित अनियमितताओं और छात्रों पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि लाखों छात्र इस प्रक्रिया से प्रभावित हुए हैं और सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की मांग
संजय सिंह ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। छात्रों को बार-बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जिससे उनके भविष्य पर संकट मंडराने लगता है। उन्होंने यह मांग की है कि इस विषय पर सदन में खुली बहस करवाई जाए और सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
सदन के भीतर और बाहर बढ़ता दबाव
इस मुद्दे पर न केवल संसद के भीतर बल्कि बाहर भी छात्र संगठनों और युवाओं के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी SSC परीक्षा प्रणाली की आलोचना हो रही है। ऐसे में संजय सिंह द्वारा इस मुद्दे को उठाना युवाओं की भावनाओं को आवाज देने की कोशिश मानी जा रही है।
सरकार की रणनीति क्या होगी?
सरकार के लिए यह दोहरी चुनौती है। एक ओर उसे संसद के अंदर विधेयकों को पारित कराना है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष हर मौके पर सरकार को घेरने की रणनीति में जुटा है। शिक्षा और परीक्षा प्रणाली जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार को पारदर्शिता दिखानी होगी और युवाओं की शंकाओं का समाधान करना होगा।