NASA ने रहस्य उजागर किया कि अंतरिक्ष की रहस्यमयी X-Ray किरणें accretion disk से नहीं, बल्कि pulsar wind से उत्पन्न होती हैं, जो पुराने सिद्धांतों को चुनौती देती है।
NASA: दशकों से खगोल वैज्ञानिकों के मन में एक सवाल बना हुआ था – अंतरिक्ष में पाई जाने वाली रहस्यमयी X-Ray किरणें आखिर आती कहां से हैं? NASA ने अब इस सवाल का जवाब खोज निकाला है, और यह जवाब हैरान करने वाला है। जहां पहले माना जाता था कि ये शक्तिशाली किरणें किसी ‘accretion disk’ यानी पदार्थ की गोल घूर्णनशील परत से निकलती हैं, अब यह पूरी तरह बदल चुका है। NASA के विशेष टेलीस्कोप IXPE ने यह साबित कर दिया है कि यह विकिरण किसी और से नहीं बल्कि एक पल्सर द्वारा छोड़ी गई ‘पल्सर विंड’ से उत्पन्न होता है।
PSR J1023+0038: एक असाधारण खगोलीय प्रणाली
NASA की यह खोज एक विशेष खगोलीय प्रणाली ‘PSR J1023+0038’ पर आधारित है। यह प्रणाली एक न्यूट्रॉन स्टार और एक छोटे साथी तारे से मिलकर बनी है। न्यूट्रॉन स्टार अपने साथी तारे से पदार्थ खींचकर अपने चारों ओर एक accretion disk बनाता है। साथ ही, यह एक पल्सर की तरह व्यवहार करता है – जो लगातार अपने चुम्बकीय ध्रुवों से रेडिएशन की किरणें छोड़ता है, ठीक वैसे जैसे समुद्र किनारे स्थित लाइटहाउस।यह प्रणाली बेहद खास इसलिए भी है क्योंकि यह समय-समय पर दो अवस्थाओं में परिवर्तित होती है – एक सक्रिय अवस्था जिसमें यह पदार्थ खींचता है और दूसरी शांत अवस्था जिसमें यह रेडियो पल्स छोड़ता है। इसे वैज्ञानिक 'ट्रांज़िशनल मिलीसैकंड पल्सर' कहते हैं।
IXPE और VLT की अभूतपूर्व साझेदारी
NASA के Imaging X-ray Polarimetry Explorer (IXPE) ने इस रहस्य से पर्दा हटाने में अहम भूमिका निभाई। IXPE अब तक का पहला टेलीस्कोप है जो अंतरिक्ष में X-Ray की polarization (ध्रुवीयता) माप सकता है। वहीं यूरोप का VLT (Very Large Telescope) ऑप्टिकल polarization मापने में मदद करता है। जब इन दोनों टेलीस्कोप से प्राप्त polarization डेटा का विश्लेषण किया गया तो यह सामने आया कि X-Ray और ऑप्टिकल दोनों की तरंगें एक ही दिशा में संगठित हैं। इसका सीधा मतलब था कि ये किरणें एक ही स्रोत से निकल रही हैं – और वह स्रोत है पल्सर विंड।
पल्सर विंड: एक अदृश्य तूफान
पल्सर विंड कोई सामान्य हवा नहीं होती। यह गैसों, ऊर्जावान कणों, चुंबकीय क्षेत्रों और लगभग प्रकाश की गति से चलने वाले इलेक्ट्रॉनों का एक उग्र तूफान होता है। जब यह तूफानी प्रवाह न्यूट्रॉन स्टार के चारों ओर मौजूद accretion disk से टकराता है, तब उच्च-ऊर्जा वाली X-Ray किरणें उत्पन्न होती हैं। यह खोज पिछले कई वर्षों से वैज्ञानिकों के बनाए सिद्धांतों को सीधी चुनौती देती है। अब तक यह माना जाता था कि accretion disk स्वयं ही X-Ray विकिरण का स्रोत होती है, लेकिन यह सिद्धांत अब बदल चुका है।
न्यूट्रॉन स्टार और ब्रह्मांड की ऊर्जा
NASA के वैज्ञानिक फिलिप काएरेट का कहना है, 'IXPE ने जो जानकारी दी है, वह हमारी समझ को एक नया मोड़ देती है। यह साबित करता है कि पल्सर विंड ब्रह्मांड में ऊर्जा फैलाने का एक प्रमुख जरिया है।' यह खोज न केवल तारों के जीवन चक्र को समझने में मददगार है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मृत हो चुके न्यूट्रॉन स्टार भी आज ब्रह्मांड में ऊर्जा और प्रकाश फैला रहे हैं। यह विज्ञान की दुनिया के लिए किसी क्रांति से कम नहीं।
भविष्य के लिए संकेत
इस खोज से यह साफ हो गया है कि अब हमें ब्रह्मांडीय विकिरण के स्रोतों को समझने के लिए पारंपरिक सिद्धांतों से आगे बढ़ना होगा। IXPE जैसे मिशन अब ब्रह्मांड की गहराई में जाकर ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्रों और कणों की गतिविधियों को नई स्पष्टता से देख पा रहे हैं।
टेक्नोलॉजी और विज्ञान का नया युग
इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि अब तकनीक हमें अंतरिक्ष के सूक्ष्मतम और शक्तिशाली रहस्यों को समझने में सक्षम बना रही है। IXPE और VLT जैसे उपकरण आने वाले समय में ब्लैक होल, क्वासर और अन्य ऊर्जावान खगोलीय पिंडों के रहस्यों से भी परदा हटा सकते हैं।