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अरागची के बयान पर ट्रंप का पलटवार, अमेरिका फिर कर सकता है हवाई हमला

अरागची के बयान पर ट्रंप का पलटवार, अमेरिका फिर कर सकता है हवाई हमला

ईरान के विदेश मंत्री अरागची के परमाणु प्रोग्राम न रोकने की बात पर डोनाल्ड ट्रंप भड़क गए। ट्रंप ने धमकी दी कि जरूरत पड़ी तो अमेरिका दोबारा ईरान पर बम बरसाएगा।

US-Iran: ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची के एक बयान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भड़का दिया है। अरागची ने कहा था कि अमेरिका के हमले में उनके परमाणु ठिकानों को नुकसान हुआ है, लेकिन इसके बावजूद ईरान अपना यूरेनियम संवर्धन प्रोग्राम बंद नहीं करेगा। इस बयान पर ट्रंप ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ईरान अपने संवर्धन कार्यक्रम को बंद नहीं करता तो अमेरिका जरूरत पड़ने पर फिर से बमबारी करेगा।

ट्रंप का तीखा जवाब

डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट 'ट्रूथ' पर लिखा कि अमेरिका के हमलों में ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका दोबारा हवाई हमले करेगा। ट्रंप के बयान से एक बार फिर अमेरिका-ईरान संबंधों में तनाव बढ़ गया है।

अरागची का रुख स्पष्ट

इससे पहले, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने अमेरिकी मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनका देश अपना यूरेनियम संवर्धन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम ईरान के वैज्ञानिकों की मेहनत और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका की धमकियों या हमलों से उनका रुख नहीं बदलेगा।

परमाणु ठिकानों को हुआ नुकसान

अरागची ने माना कि हाल के अमेरिकी और इजरायली हमलों में ईरान के कुछ प्रमुख परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन कर रहा है और कुछ जगहों पर यूरेनियम संवर्धन की गतिविधियां अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि हमला होने के बाद कितना संवर्धित यूरेनियम सुरक्षित बचा है।

ईरान का दावा

ईरान हमेशा दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नागरिक उद्देश्यों के लिए है। लेकिन अमेरिका और नाटो देश मानते हैं कि ईरान धीरे-धीरे परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने भी हाल ही में चेतावनी दी थी कि ईरान परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक यूरेनियम हासिल करने के करीब है।

साझा व्यवस्था का अमेरिका का सुझाव

अमेरिका ने सुझाव दिया है कि ईरान को यूरेनियम संवर्धन खुद करने की बजाय किसी साझा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के तहत इसे हासिल करना चाहिए। अमेरिका चाहता है कि ईरान संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाए जिससे ऊर्जा उद्देश्यों के लिए परमाणु ईंधन उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन ईरान ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज कर दिया है।

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