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Operation Trident 1971: भारत ने पाक को दिया करारा जवाब, कराची पोर्ट और 'गाजी' पनडुब्बी को किया तबाह

Operation Trident 1971: भारत ने पाक को दिया करारा जवाब, कराची पोर्ट और 'गाजी' पनडुब्बी को किया तबाह
अंतिम अपडेट: 03-05-2025

ऑपरेशन ट्राइडेंट 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जो भारतीय नौसेना द्वारा पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर किए गए हमले के रूप में जाना जाता है। 4 दिसंबर 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर एक रात के हमले को अंजाम दिया था।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ युद्धों की गिनती भारत के लिए एक गौरवपूर्ण इतिहास की तरह है। भारतीय सेना ने हमेशा दुश्मन के मंसूबों को नाकाम किया है, लेकिन 1971 का ऑपरेशन ट्राइडेंट एक ऐसा ऑपरेशन था, जिसने पाकिस्तान की सेना के होश उड़ा दिए थे और भारतीय नौसेना की ताकत को पूरी दुनिया के सामने लाकर खड़ा कर दिया था। यही वह घटना है, जिसने पाकिस्तान की नौसेना को समंदर में शिकस्त दी और पूर्वी पाकिस्तान में भारतीय सेना की जीत की राह को आसान किया।

आज, जब पाकिस्तान के नेता भारत के खिलाफ परमाणु युद्ध की धमकियां दे रहे हैं और देश में आतंकवादी हमलों के कारण आक्रोश का माहौल है, तो यह आवश्यक है कि पाकिस्तान को अपनी पूर्व की हार याद दिलाई जाए। यही वह समय है जब भारतीय नौसेना ने एक साहसी कदम उठाया था और पाकिस्तानी नौसेना को इतना बड़ा धक्का दिया कि उसका असर आज भी पाकिस्तान पर महसूस किया जा सकता है।

ऑपरेशन ट्राइडेंट की शुरूआत: भारतीय नौसेना का शौर्य

साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का दौर था, जब पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम को कुचला जा रहा था। भारत ने यह फैसला किया कि वह पूर्वी पाकिस्तान को मुक्त कराएगा। युद्ध भूमि पर भारतीय सेना तो जंग लड़ रही थी, वहीं समंदर में भारतीय नौसेना ने अपनी शक्ति का लोहा मंगवाया।

भारतीय नौसेना के ऑपरेशन ट्राइडेंट का उद्देश्य पाकिस्तान की नौसेना को नष्ट करना था, ताकि पाकिस्तान को समंदर में मुंह की खानी पड़े और युद्ध के मोर्चे पर उसका मनोबल टूट जाए। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के प्रमुख समुद्री ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कराची पोर्ट को तबाह करना और पीएनएस गाजी पनडुब्बी को डुबोना शामिल था।

'गाजी' पनडुब्बी को भारतीय नौसेना ने डुबाया

पाकिस्तान की पनडुब्बी पीएनएस गाजी को समंदर की सबसे मजबूत पनडुब्बी माना जाता था। इसे 'अजेय' माना जाता था, लेकिन भारतीय नौसेना ने इसे अपने शौर्य और कौशल से डुबो दिया। यह एक अभूतपूर्व घटना थी। भारतीय नौसेना ने अपनी पनडुब्बी आईएनएस विक्रांत का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की इस 'अजेय' पनडुब्बी को मारा और पीएनएस गाजी समंदर में डूब गई।

इस हमले ने पाकिस्तान की नौसेना को गंभीर चोट पहुंचाई और यह उनकी ताकत के प्रतीक को चकनाचूर कर दिया। पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया कि भारतीय नौसेना को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

कराची पोर्ट पर भारतीय नौसेना का जबरदस्त हमला

ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट पर हमला किया, जो पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री ठिकाना था। यह पोर्ट पाकिस्तान की नौसेना का मुख्यालय था और इस पर तैनात डिस्ट्रॉयर्स, ऑयल टैंक्स, और मालवाहक जहाजों को निशाना बनाकर भारतीय नौसेना ने भारी नुकसान पहुंचाया।पाकिस्तान की नौसेना के कई जहाज नष्ट हो गए, और इस हमले से पाकिस्तान की नौसेना को जबरदस्त झटका लगा। इसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों का मनोबल टूटा और उन्हें एहसास हुआ कि अब उनके पास भारतीय नौसेना का मुकाबला करने की ताकत नहीं है।

पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों का समर्पण

ऑपरेशन ट्राइडेंट के बाद भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान की नौसेना और सेना के मनोबल को इतना तोड़ा कि पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने पूर्वी पाकिस्तान में अपने हथियारों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह भारतीय सेना के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी और पाकिस्तान के लिए एक अपमानजनक हार थी। यह घटना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश बन गई कि भारतीय सेना और भारतीय नौसेना की ताकत के सामने कोई भी दुश्मन टिक नहीं सकता।

इस युद्ध के परिणामस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान ने बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्रता प्राप्त की। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को तीनों मोर्चों (भूमि, आकाश और समुद्र) पर हराया, और बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जन्म दिया। पाकिस्तान को इस हार से इतना बड़ा आघात पहुंचा कि वह आज भी 1971 के युद्ध की यादों से उबरने में असफल है।

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