पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर की गुहार लगाई, लेकिन हॉटलाइन समस्या के चलते बातचीत देर से हो सकी। भारत ने 3:35 बजे पाकिस्तान की अपील स्वीकार कर ली। भारत का मकसद केवल आतंकी ठिकानों पर हमला करना था।
New Delhi: भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में बताया कि 10 मई को पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर की गुहार लगाई थी। पाकिस्तान ने डीजीएमओ स्तर पर संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन हॉटलाइन में दिक्कत के कारण उसे भारत के दूतावास के जरिए बात करनी पड़ी। अंततः भारत ने दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के निवेदन पर सीजफायर को मंजूरी दी।
पाकिस्तान ने मांगा था सीजफायर, भारतीय सेना ने दिखाई ताकत
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर की अपील की। भारतीय सेना की ओर से जबरदस्त जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सेना, जिसे असीम मुनीर लीड कर रहे थे, पूरी तरह बैकफुट पर आ गई। इस हार के बाद पाकिस्तान ने भारत से युद्धविराम के लिए गुहार लगाई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया के कुआलालंपुर में बताया कि पाकिस्तान ने 10 मई को सुबह से ही भारत से संपर्क करने की कोशिश शुरू कर दी थी। लेकिन हॉटलाइन पर तकनीकी समस्या के कारण बातचीत नहीं हो सकी।
हॉटलाइन नाकाम रही, पाकिस्तानी दूतावास ने किया भारत में संपर्क
जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की डीजीएमओ (Director General of Military Operations) ने सुबह-सुबह संघर्षविराम के लिए भारत से बात करने की कोशिश की, लेकिन हॉटलाइन काम नहीं कर रही थी। इसलिए पाकिस्तान के भारत स्थित दूतावास ने भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया और बताया कि वे डीजीएमओ से बातचीत करना चाहते हैं।
झा ने कहा, "पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग की, लेकिन हॉटलाइन पर बात नहीं हो पा रही थी। इसलिए उन्होंने भारत में अपने दूतावास के जरिये संपर्क किया और अनुरोध किया कि डीजीएमओ से बात करवाई जाए।"
बातचीत के बाद 3:35 बजे हुआ सीजफायर
झा ने बताया कि दोपहर करीब डेढ़ से दो बजे के बीच बातचीत का समय तय हुआ। आखिरकार भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई और पाकिस्तान ने सीजफायर का अनुरोध किया। भारत ने साफ किया कि वह युद्ध नहीं चाहता। भारत का मकसद केवल आतंकवादी ठिकानों को खत्म करना था और यह लक्ष्य पूरा हो गया था।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक, पाकिस्तान की अपील पर भारत ने 3:35 बजे सीजफायर को मंजूरी दी। भारत ने यह स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करना था और भारत की सेना ने जो करना चाहा, वह कर दिखाया।
डोनाल्ड ट्रंप ने लिया क्रेडिट, लेकिन असलियत कुछ और
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर की खबर के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसका क्रेडिट लेने की कोशिश की। उन्होंने शाम 5:25 बजे युद्धविराम की घोषणा की थी, जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत और सीजफायर का निर्णय दोपहर 3:35 बजे ही हो चुका था।
इससे साफ है कि सीजफायर पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान के बीच की द्विपक्षीय प्रक्रिया थी। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। झा ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच जो हुआ, वह पूरी तरह द्विपक्षीय था। अमेरिका ने इसका कोई समाधान नहीं निकाला।"