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पाकिस्तान करेगा इजरायल पर परमाणु हमला? ईरानी दावे पर पाकिस्तान ने दी सफाई, कहा– नहीं देंगे साथ

पाकिस्तान करेगा इजरायल पर परमाणु हमला? ईरानी दावे पर पाकिस्तान ने दी सफाई, कहा– नहीं देंगे साथ

ईरान ने दावा किया कि इजरायल द्वारा परमाणु हमला होने पर पाकिस्तान भी जवाब देगा। पाकिस्तान ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वह युद्ध का हिस्सा नहीं बनेगा, हालांकि उसने ईरान के प्रति समर्थन जताया है।

Israel-Iran: 13 जून 2025 को इजरायल ने ईरान के परमाणु, सैन्य और तेल-गैस ठिकानों पर एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया। इस हमले में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, वैज्ञानिक और आम नागरिक मारे गए। इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इस टकराव ने पहले ही तनाव को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया था, लेकिन ईरान के एक बयान ने इसमें परमाणु हथियारों का एंगल जोड़ दिया।

ईरानी सैन्य अधिकारी का दावा

16 जून को ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के वरिष्ठ कमांडर और सुरक्षा परिषद के सदस्य जनरल मोहसिन रजाई ने दावा किया कि पाकिस्तान ने भरोसा दिया है कि अगर इजरायल ईरान पर परमाणु हमला करता है, तो पाकिस्तान भी इजरायल पर परमाणु बम गिराएगा। ये बयान ईरानी सरकारी टेलीविजन पर दिया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी।

पाकिस्तान का तुरंत इनकार

ईरान के इस दावे पर पाकिस्तान ने तेजी से प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद ने इजरायल के खिलाफ परमाणु हमले का कोई वादा नहीं किया है। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान ने ईरान के साथ एकजुटता जरूर दिखाई है, लेकिन परमाणु युद्ध में शामिल होने की कोई बात नहीं की गई। इस बयान के साथ ही पाकिस्तान ने खुद को किसी भी प्रकार के युद्ध के विस्तार से दूर कर लिया।

पाकिस्तानी संसद में क्या कहा गया?

14 जून को ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी संसद में एक बयान दिया जिसमें उन्होंने इजरायल की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम देश अब भी एकजुट नहीं हुए तो हर किसी का यही हाल होगा। उन्होंने इस्लामी देशों के संगठन OIC से आपात बैठक बुलाने की मांग की और मुस्लिम देशों से इजरायल के साथ राजनयिक संबंध खत्म करने की अपील की। लेकिन इस पूरे वक्तव्य में परमाणु हमले का कोई जिक्र नहीं किया गया।

ईरान के दावे के पीछे की मंशा

विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान का यह दावा एक रणनीतिक कदम हो सकता है। ईरान चाहता है कि क्षेत्र के मुस्लिम देश खासकर परमाणु क्षमता वाले पाकिस्तान को इस संघर्ष में अपने पक्ष में लाए, जिससे इजरायल और उसके समर्थकों पर दबाव बनाया जा सके। हालांकि पाकिस्तान ने साफ कर दिया कि वह इस संघर्ष को परमाणु स्तर तक नहीं जाने देगा।

इजरायल और ईरान की परमाणु नीतियां क्या कहती हैं?

इजरायल की नीति हमेशा से ही ‘परमाणु अस्पष्टता’ (nuclear ambiguity) की रही है। वह न तो यह स्वीकार करता है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, न ही इससे इनकार करता है। लेकिन माना जाता है कि उसके पास 80 से 200 परमाणु हथियार हो सकते हैं। दूसरी ओर, ईरान दावा करता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांति के उद्देश्यों के लिए है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को उस पर भरोसा नहीं है। IAEA ने हाल ही में कहा है कि ईरान ने कई बार अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है।

पाकिस्तान की परमाणु नीति और उसका रुख

पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसके पास अनुमानित 170 परमाणु हथियार हैं। उसकी नीति 'पहले इस्तेमाल' (first use) की है, जिसका मतलब है कि अगर उसे किसी हमले का खतरा महसूस हो तो वह पहले भी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि यह नीति भारत के खिलाफ बनाई गई थी, न कि इजरायल या किसी और देश के लिए। पाकिस्तान ने कभी भी इजरायल के खिलाफ परमाणु हमले की बात नहीं की है।

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