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पाकिस्तान की हरकत पर सख्त राजनाथ सिंह, कहा– भारतीय सेना सर क्रीक पर किसी भी हालात के लिए तैयार

पाकिस्तान की हरकत पर सख्त राजनाथ सिंह, कहा– भारतीय सेना सर क्रीक पर किसी भी हालात के लिए तैयार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कच्छ के लक्की नाला छावनी में विजयादशमी कार्यक्रम में पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर सर क्रीक में कोई दुस्साहस हुआ तो भारतीय सेना निर्णायक जवाब देगी और हालात बदल जाएंगे।

New Delhi: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान की किसी भी दुस्साहस की सख्त चेतावनी जारी की। कच्छ के लक्की नाला सैन्य छावनी में विजयादशमी के अवसर पर आयोजित बहु-एजेंसी क्षमता अभ्यास और शस्त्र पूजन समारोह में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने सीमा विवाद को बातचीत के माध्यम से सुलझाने की कई कोशिशें कीं, लेकिन पाकिस्तान की नीयत स्पष्ट नहीं दिखती। 

सिंह ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सर क्रीक में पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया तो उसे ऐसा निर्णायक उत्तर मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। उन्होंने यह बात जोर देकर कही कि इस क्षेत्र की संवेदनशीलता और हालिया सैन्य जमावड़े ने चिंता बढ़ाई है।

बहु-एजेंसी अभ्यास 

लक्की नाला सैन्य छावनी में आयोजित बहु-एजेंसी अभ्यास का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में तैयारियों को परखना और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय को मजबूत करना था। शस्त्र पूजन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री की उपस्थिति ने इस अभ्यास को प्रतीकात्मक महत्व दिया। राजनाथ सिंह ने जवानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल मिलकर भारत की सीमाओं की रक्षा सतर्कतापूर्वक कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अभ्यासों और तैयारी का मकसद किसी स्थिति में त्वरित और निर्णायक प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।

पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर की चिंता व्यक्त 

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सर क्रीक क्षेत्र के पास पाकिस्तानी सैन्य बुनियादी ढांचे का हालिया विस्तार चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी सर क्रीक में सीमा विवाद को हवा दी जा रही है और पाकिस्तान की नीयत में खोट दिखती है। सिंह ने यह ज़ोर देकर कहा कि भारत सीमाई मसलों को बातचीत से सुलझाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन जब सीमा पर सुरक्षा चुनौती दिखाई दे तो जवाब देने में सक्षम और निर्णायक होना आवश्यक है। उनकी टिप्पणियों में यह संदेश भी शामिल था कि सीमाओं की रक्षा में किसी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कराची का मार्ग और ऐतिहासिक संदर्भ का हवाला

राजनाथ सिंह ने 1965 के युद्ध का संदर्भ देते हुए कहा कि भारतीय सेना ने तब लाहौर तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कराची जाने का एक रास्ता सर क्रीक से होकर गुजरता है और यदि आवश्यक हुआ तो भारत निर्णायक कार्रवाई कर सकता है। उनकी बातों में यह तर्क नज़र आया कि रणनीतिक दृष्टि से सर क्रीक का महत्त्व बड़ा है और किसी भी दुस्साहस के गंभीर परिणाम होंगे। रक्षा मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भारत ने संयम दिखाया, परन्तु अपनी रक्षा क्षमता का प्रदर्शन कर सकता है।

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के प्रयासों को असफल कर दिया और अपनी खोज तथा बेअसर करने की क्षमता दिखाई। सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य आतंकवाद था और इसके सैन्य उद्देश्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए। 

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय बलों ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को बेनकाब किया और यह संदेश दिया कि भारत की सुरक्षा संरचना दुश्मन के लिए गंभीर परिणाम ला सकती है। साथ ही उन्होंने दोहराया कि भारत ने संयम बरता और स्थिति को बढ़ाना तथा युद्ध छेड़ना इस अभियान का मकसद नहीं था।

संयुक्त प्रतिरक्षा का संकेत

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना और बीएसएफ संयुक्त रूप से सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने जवानों की चौकसी और तत्परता की प्रशंसा की और कहा कि देश की सीमाओं पर सतर्कता बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। उनकी टिप्पणियों में यह भी आग्रह था कि सुरक्षा बलों को आवश्यक संसाधन और समर्थन दिया जाए ताकि किसी भी चुनौती का प्रभावी सामना किया जा सके। 

शक्ति प्रदर्शन के बावजूद संयम का सन्देश

सिंह ने बार-बार यह बताया कि भारत के पास किसी भी देश को हराने की क्षमता है, पर उसने ज़रूरत के मुताबिक संयम दिखाया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद से जुड़े लक्ष्यों को खत्म करने में सफलता दिलाई, परंतु यह अभियान संघर्ष को बढ़ाना नहीं चाहता था। उनके शब्दों में यह संतुलन दिखा कि भारत ताकत दिखाने के साथ-साथ विवेकपूर्वक फैसले लेगा और उसका प्राथमिक लक्ष्य क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखना होगा।

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