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Passport Ranking 2025: भारत ने लगाई आठ पायदान की छलांग, अब 59 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा संभव

Passport Ranking 2025: भारत ने लगाई आठ पायदान की छलांग, अब 59 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा संभव

भारत ने 2025 की शुरुआत के बाद अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट ताकत में बड़ी छलांग लगाई है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, भारत की पासपोर्ट रैंकिंग जनवरी 2025 में 85वें स्थान से सुधरकर अब 77वें स्थान पर पहुंच गई है। य

Passport Power of India Increases: भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक रैंकिंग में बड़ा सुधार दर्ज किया गया है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स (Henley Passport Index) जुलाई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की रैंकिंग 85वें स्थान से बढ़कर अब 77वें स्थान पर पहुंच गई है। यह सुधार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती कूटनीतिक पहुंच और मजबूत द्विपक्षीय समझौतों का परिणाम है। भारत के नागरिक अब 59 देशों में वीजा-मुक्त या वीजा ऑन-अराइवल सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स: क्या है यह रैंकिंग?

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स एक प्रतिष्ठित वैश्विक रिपोर्ट है, जो यह आकलन करती है कि किसी देश के पासपोर्ट धारक दुनिया के कितने देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन-अराइवल के यात्रा कर सकते हैं। यह डेटा IATA (International Air Transport Association) के आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित होता है और हर तिमाही में अपडेट किया जाता है।

जनवरी 2025 के बाद से भारत के पासपोर्ट पर दो नए देशों ने वीजा-मुक्त एंट्री की सुविधा दी है, जिससे अब कुल 59 गंतव्यों तक भारतीय नागरिक बिना पूर्व वीजा के यात्रा कर सकते हैं। हालांकि संख्या में यह इजाफा मामूली लग सकता है, लेकिन यह भारत की वैश्विक कूटनीतिक सफलता की ओर इशारा करता है।विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत ने यह उपलब्धि राजनयिक संबंधों की मजबूती, व्यापारिक समझौतों और वैश्विक मंचों पर सक्रिय भागीदारी के दम पर हासिल की है।

सिंगापुर शीर्ष पर बरकरार, जापान और दक्षिण कोरिया भी आगे

2025 की रिपोर्ट में सिंगापुर ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। सिंगापुर के पासपोर्ट धारकों को अब 227 में से 193 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा है। वहीं, जापान और दक्षिण कोरिया संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं, जिनके पासपोर्ट पर 190 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच है। यूरोपीय देशों का दबदबा इस रैंकिंग में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है:

  • तीसरे स्थान पर डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली और स्पेन हैं — इन देशों के नागरिक 189 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं।
  • चौथे स्थान पर ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, लक्जमबर्ग और स्वीडन हैं — इनका स्कोर 188 गंतव्य है।
  • पांचवें स्थान पर न्यूजीलैंड, ग्रीस और स्विट्ज़रलैंड हैं — इनके पासपोर्ट से 187 देशों में यात्रा संभव है।

सऊदी अरब की रैंकिंग में सुधार, अमेरिका को खतरा

सऊदी अरब ने भी अपनी पासपोर्ट ताकत में बढ़ोत्तरी दर्ज की है। उसके वीजा-मुक्त गंतव्यों की संख्या अब 91 हो गई है, जिससे उसकी रैंकिंग 58वें से बढ़कर 54वें स्थान पर पहुंच गई है। दूसरी ओर, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों की रैंकिंग में गिरावट आई है। ब्रिटेन अब 186 देशों की पहुंच के साथ छठे स्थान पर है, जबकि अमेरिका 182 गंतव्यों के साथ 10वें स्थान पर लुढ़क गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता, सुरक्षा नीतियों में परिवर्तन और कूटनीतिक संबंधों की जटिलता इसके कारण हैं।

भारत के लिए आगे क्या?

भारत की वीजा-मुक्त पहुंच में भविष्य में और सुधार की संभावना है, विशेषकर यदि भारत:

  • अधिक द्विपक्षीय यात्रा समझौते करता है
  • ई-वीज़ा प्रणाली को विस्तार देता है
  • पर्यटन, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाता है

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में भारत की पासपोर्ट रैंकिंग शीर्ष 50 में पहुंच सकती है, बशर्ते विदेश नीति और वैश्विक संधियों में निरंतर सुधार हो।

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