नई रिसर्च के अनुसार विटामिन B3 (नियासिन) फैटी लिवर को रोकने और कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। यह माइक्रोआरएनए-93 जीन की गतिविधि को कम करके लिवर में फैट जमा होने को रोकता है। विटामिन B3 मांस, मछली, अंडा, साबुत अनाज, दाल, बीज और एवोकाडो जैसी चीजों में पाया जाता है।
Vitamin For Fatty Liver: फैटी लिवर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है और इसका मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि विटामिन B3 (नियासिन) फैटी लिवर को रोकने में असरदार है। यह माइक्रोआरएनए-93 जीन की गतिविधि को नियंत्रित करता है, जिससे लिवर में फैट जमा होना कम होता है और नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) से बचाव होता है। विटामिन B3 आसानी से मांस, मछली, अंडा, साबुत अनाज, दाल, बीज और एवोकाडो जैसे फूड्स में पाया जाता है। हालांकि, डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट का सेवन न करें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
फैटी लिवर और विटामिन B3 का कनेक्शन
नई रिसर्च के अनुसार विटामिन B3 या नियासिन फैटी लिवर को कम करने में असरदार हो सकता है। साइंस डेली में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि माइक्रोआरएनए-93 नामक जीन लिवर में फैट जमा होने का मुख्य कारण बनता है। इस जीन की सक्रियता को विटामिन B3 नियंत्रित कर सकता है। जब यह जीन दब जाता है, तो लिवर में फैट का संचय कम होता है। इसके परिणामस्वरूप नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज को रोका जा सकता है और लिवर की सेहत में सुधार देखा जा सकता है।
विटामिन B3 का लिवर पर असर
विटामिन B3 मेटाबॉलिज्म सुधारने में मदद करता है। यह लिवर में जमा फैट को कम कर सकता है और नए फैट के बनने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। अध्ययन के अनुसार, नियासिन माइक्रोआरएनए-93 जीन की गतिविधि को कम करता है। इससे न केवल फैटी लिवर के खतरे में कमी आती है बल्कि लिवर के सामान्य कार्यों में भी सुधार देखा जा सकता है।
विटामिन B3 किन फूड्स में मिलता है
विटामिन B3 की कमी को पूरा करने के लिए इसे सप्लीमेंट के रूप में या प्राकृतिक रूप से अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है। नॉनवेजिटेरियन लोगों के लिए मांस, चिकन, टूना मछली, साल्मन, टर्की, पोर्क और अंडा विटामिन B3 के अच्छे स्रोत हैं। शाकाहारी विकल्पों में साबुत अनाज, ब्राउन राइस, मसूर दाल, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, हरी मटर, मशरूम, आलू और टमाटर शामिल हैं। इसके अलावा एवोकाडो और खजूर जैसे फलों में भी यह विटामिन पाया जाता है। डेयरी उत्पादों में दूध और दही विटामिन B3 का अच्छा स्रोत हैं।
हालांकि विटामिन B3 फैटी लिवर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है, लेकिन यह रिसर्च अभी शुरुआती चरण में है। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी सप्लीमेंट का सेवन हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित आहार और सक्रिय जीवनशैली अपनाना सबसे सुरक्षित तरीका है। नियमित व्यायाम और हेल्दी खाने की आदतें फैटी लिवर के खतरे को कम कर सकती हैं।
फैटी लिवर से बचाव के अन्य उपाय
फैटी लिवर से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव बेहद जरूरी हैं। शुगर और जंक फूड से परहेज, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव कम करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना भी जरूरी है। विटामिन B3 का सेवन यदि सही मात्रा में और डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाए तो यह लिवर की सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है।