भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के शीर्ष नेतृत्व में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी 19 जुलाई 2025 को 70 वर्ष के हो जाएंगे, जिसके बाद उन्हें बीसीसीआई के संविधान के तहत अनिवार्य रूप से पद से हटना होगा।
Rajeev Shukla: बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। साल 2022 में अध्यक्ष बने रोजर बिन्नी अब 19 जुलाई 2025 को अपना पद छोड़ सकते हैं, क्योंकि इस दिन वह 70 वर्ष के हो जाएंगे। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, बोर्ड के किसी भी पदाधिकारी की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष तय है, और उसके बाद उन्हें अपने पद से अनिवार्य रूप से इस्तीफा देना होता है।
ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि उनके बाद बीसीसीआई का अगला अध्यक्ष कौन होगा? इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस रेस में सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं बीसीसीआई के वर्तमान उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला। राजीव शुक्ला का क्रिकेट प्रशासन में लंबा अनुभव, राजनीतिक पकड़ और बोर्ड में मजबूत नेटवर्क उन्हें इस पद का सबसे प्रबल उम्मीदवार बनाता है।
रोजर बिन्नी के कार्यकाल की समाप्ति
बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, बोर्ड के किसी भी पदाधिकारी की अधिकतम आयु 70 वर्ष निर्धारित की गई है। जैसे ही कोई अधिकारी इस आयु सीमा को पार करता है, उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता है। रोजर बिन्नी का जन्म 19 जुलाई 1955 को हुआ था, और इसी आधार पर वे इस साल जुलाई में 70 वर्ष के हो जाएंगे।
रोजर बिन्नी को अक्टूबर 2022 में बीसीसीआई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने पूर्व कप्तान और चर्चित क्रिकेट प्रशासक सौरव गांगुली की जगह ली थी। अपने तीन साल के कार्यकाल में बिन्नी ने भारतीय क्रिकेट को कई अहम दिशाएं दीं।
कार्यकाल के दौरान हासिल की गई उपलब्धियां
रोजर बिन्नी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सराहनीय प्रदर्शन किया। भारत ने उनके कार्यकाल में दो महत्वपूर्ण आईसीसी खिताब अपने नाम किए —
- टी20 वर्ल्ड कप 2024
- आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी
इसके अलावा, बिन्नी के नेतृत्व में महिला क्रिकेट को भी नई उड़ान मिली। उन्होंने महिला प्रीमियर लीग (WPL) की नींव रखी, जो महिला क्रिकेटरों को एक बड़ा मंच प्रदान करता है। रोजर बिन्नी ने घरेलू क्रिकेट की मजबूती पर भी ध्यान केंद्रित किया। वरिष्ठ खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंट्स में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया और घरेलू क्रिकेटरों के वेतन और सुविधाओं में सुधार के लिए कदम उठाए गए।
कौन हैं राजीव शुक्ला?
राजीव शुक्ला एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और खेल प्रशासक हैं। वे लंबे समय से बीसीसीआई के साथ जुड़े हुए हैं और वर्तमान में बोर्ड के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव, खेलों की समझ और राजनीतिक संतुलन का अच्छा मिश्रण है।
65 वर्षीय शुक्ला पहले भी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके हैं। वे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन भी रह चुके हैं। खेल और राजनीति दोनों में उनकी गहरी पकड़ ने उन्हें बीसीसीआई में एक मजबूत उम्मीदवार बना दिया है। सूत्रों के अनुसार, राजीव शुक्ला को जुलाई के अंत तक बीसीसीआई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
वे तब तक बोर्ड की जिम्मेदारी संभालेंगे जब तक कि सितंबर में होने वाली वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान औपचारिक चुनाव नहीं हो जाते। उस समय वे पूर्णकालिक अध्यक्ष पद के लिए भी उम्मीदवार हो सकते हैं। राजीव शुक्ला की उम्र फिलहाल 65 वर्ष है और सितंबर तक वे 66 वर्ष के हो जाएंगे, इसलिए उन्हें पूर्ण अध्यक्ष बनने के लिए भी उम्र संबंधी कोई बाधा नहीं है।
भविष्य की चुनौतियां
यदि राजीव शुक्ला अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालते हैं, तो उनके सामने कई चुनौतियां होंगी।
- ICC टूर्नामेंट की तैयारी: भारत को 2025 में होने वाले ICC टूर्नामेंट के लिए टीम और व्यवस्थाओं को तैयार करना होगा।
- महिला क्रिकेट को और प्रोत्साहन देना: WPL को और व्यापक बनाना।
- घरेलू ढांचे को और सुदृढ़ बनाना: नए खिलाड़ियों को अवसर देने के लिए सिस्टम में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना।
- टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाना: अंपायरिंग, प्लेयर फिटनेस और स्काउटिंग में टेक्नोलॉजी की भूमिका को सशक्त करना।
रोजर बिन्नी ने अपने कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट को ऊंचाई तक पहुंचाया, लेकिन उम्र सीमा के कारण अब उनका अध्याय समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में राजीव शुक्ला जैसे अनुभवी प्रशासक के हाथों में बीसीसीआई की कमान जाना एक स्वाभाविक और रणनीतिक निर्णय माना जा सकता है।