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रमी गेम विवाद पर रोहित पवार का पलटवार, कहा– मंत्री माणिकराव कोकाटे किसानों की समस्याओं से बेखबर

रमी गेम विवाद पर रोहित पवार का पलटवार, कहा– मंत्री माणिकराव कोकाटे किसानों की समस्याओं से बेखबर

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे इन दिनों अपने कथित रमी गेम खेलने और किसानों पर दिए विवादित बयान को लेकर चौतरफा घिर गए हैं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर तीखा रुख अपनाया है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के युवा नेता रोहित पवार ने कोकाटे के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

किसानों को भिखारी बताने पर भड़के रोहित पवार

रोहित पवार ने कहा कि कृषि मंत्री किसानों की समस्याओं को न तो समझते हैं और न ही उनके प्रति कोई संवेदनशीलता दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि कोकाटे जैसे मंत्री, जो किसानों को ‘भिखारी’ जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं, उन्हें संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। रोहित पवार ने यह भी जोड़ा कि अब देखना होगा कि इस विवाद पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार क्या रुख लेते हैं।

रोहित पवार ने मंत्री कोकाटे की उस टिप्पणी पर भी तंज कसा जिसमें उन्होंने खुद को ज्यादा 'होशियार' बताया था। रोहित ने कहा कि वे किसानों, महिलाओं, युवाओं और महाराष्ट्र अस्मिता से जुड़े मुद्दों पर लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री कोकाटे अगर केवल अपने पद का इस्तेमाल गेम खेलने के लिए कर रहे हैं, तो ये प्रदेश के किसानों का अपमान है।

कोकाटे ने बताया छोटा मुद्दा

वहीं खुद पर लगे आरोपों पर माणिकराव कोकाटे ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी ऑनलाइन रमी नहीं खेला और न ही उनका बैंक खाता या मोबाइल नंबर किसी गेमिंग ऐप से जुड़ा है। उन्होंने इस विवाद को ‘छोटा मुद्दा’ बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ अगर कोई भी आरोप साबित होता है तो वे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।

कोकाटे ने यह भी कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है और वे दोषी साबित होने पर कोई सफाई नहीं देंगे, बल्कि सीधा पद छोड़ देंगे।

दिल्ली तक पहुंचा विवाद

रमी गेम विवाद अब सिर्फ महाराष्ट्र की राजनीति तक सीमित नहीं रहा। मंगलवार को संसद सत्र के दौरान एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद अरविंद सावंत सहित विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। उन्होंने कोकाटे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदार बयानों से किसानों की गरिमा को ठेस पहुंची है।

विपक्ष का कहना है कि कृषि मंत्री का ऐसा आचरण अस्वीकार्य है और राज्य सरकार को इस पर गंभीरता से कदम उठाना चाहिए।

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