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सैटेलाइट इमेज में खुलासा: यूक्रेन के ड्रोन हमले में रूस के बमवर्षक विमान तबाह, देखें तस्वीरें

सैटेलाइट इमेज में खुलासा: यूक्रेन के ड्रोन हमले में रूस के बमवर्षक विमान तबाह, देखें तस्वीरें

यूक्रेन ने 'स्पाइडर वेब' ड्रोन ऑपरेशन से रूस के चार एयरबेस पर हमला किया। 41 सैन्य विमान, जिनमें Tu-22 और Tu-95 बॉम्बर्स शामिल हैं, तबाह हो गए। सैटेलाइट इमेज ने पुष्टि की।

Russia-Ukraine: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध एक नए चरण में प्रवेश कर गया है। हाल ही में यूक्रेन द्वारा किए गए एक बड़े ड्रोन ऑपरेशन में रूस के कई एयरबेस को निशाना बनाया गया। इस हमले में रूस के कई बमवर्षक विमान नष्ट हो गए हैं। सैटेलाइट इमेज और ड्रोन फुटेज से इसकी पुष्टि हुई है। जानिए कैसे हुआ यह ऑपरेशन और क्या होंगे इसके प्रभाव।

117 ड्रोन के साथ रूस पर सबसे बड़ा हवाई हमला

यूक्रेन ने हाल ही में रूस के खिलाफ 117 मानव रहित एरियल व्हीकल (UAVs) का उपयोग कर चार प्रमुख एयरबेस पर हमला किया। रॉयटर्स द्वारा वेरिफाइड किए गए ड्रोन फुटेज और सैटेलाइट तस्वीरों से पुष्टि हुई है कि कम से कम दो जगहों पर रूस के बमवर्षक विमानों को गंभीर नुकसान हुआ है।

यह ऑपरेशन एक रणनीतिक योजना के तहत कंटेनरों से लॉन्च किए गए ड्रोन के माध्यम से अंजाम दिया गया। हमले के लिए टारगेट के करीब से ड्रोन लॉन्च किए गए ताकि प्रभावी ढंग से रूस के भीतर घुसपैठ कर हमला किया जा सके।

सैटेलाइट इमेज में दिखा तबाही का मंजर

कैपेला स्पेस नामक सैटेलाइट कंपनी ने 2 जून को ली गई इरकुत्स्क एयरबेस की तस्वीरें साझा की हैं। यह तस्वीरें हमले के अगले दिन की हैं और यह दिखाती हैं कि रनवे पर कई बमवर्षक विमान क्षतिग्रस्त या पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं।

परंपरागत सैटेलाइट इमेज की तुलना में, Synthetic Aperture Radar (SAR) टेक्नोलॉजी का उपयोग कर ली गई इन तस्वीरों में अधिक सटीकता और स्पष्टता है। SAR डेटा धरती पर ऊर्जा किरण भेजकर उनकी प्रतिध्वनि से वस्तुओं की पहचान करता है, जिससे बादलों या धुंध के बावजूद साफ दृश्य मिलते हैं।

Tu-22 और Tu-95 जैसे स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स नष्ट

जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज़ के अनुसंधान सहयोगी जॉन फोर्ड के अनुसार, ड्रोन फुटेज और SAR इमेजेज के आधार पर यह साफ है कि कम से कम दो Tu-22M3 'Backfire' बॉम्बर्स पूरी तरह नष्ट हुए हैं। इसके अलावा चार Tu-95 'Bear' बॉम्बर्स या तो नष्ट हो गए या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हैं।

ये दोनों प्रकार के विमान रूस द्वारा यूक्रेन पर क्रूज मिसाइल हमलों में उपयोग किए जाते रहे हैं। इस तरह के विमानों का नुकसान रूस की रणनीतिक क्षमता को बड़ा झटका माना जा रहा है।

41 विमान हुए क्षतिग्रस्त, 7 बिलियन डॉलर का अनुमानित नुकसान

यूक्रेनी खुफिया एजेंसी SBU ने इस ऑपरेशन को 'स्पाइडर वेब' नाम दिया है। एजेंसी का दावा है कि इस हमले में कुल 41 रूसी सैन्य विमान या तो नष्ट हो गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें रणनीतिक बॉम्बर्स के साथ-साथ अन्य लड़ाकू विमान भी शामिल हैं।

SBU के अनुसार, इस हमले से रूस को करीब 7 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं, 34% ऐसे बॉम्बर्स भी प्रभावित हुए हैं जो क्रूज मिसाइल ले जाने में सक्षम हैं।

रूसी एयरबेस रहे प्रमुख निशाने

रूस के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि यूक्रेन ने मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्रों के एयरबेस पर हमला किया। इनमें से मरमंस्क और इरकुत्स्क में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। यहां की तस्वीरों में जलते हुए Tu-95 बॉम्बर्स और बड़े विस्फोट साफ देखे जा सकते हैं।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि कुछ क्षेत्रों में एयर डिफेंस सिस्टम ने हमलों को रोका, लेकिन कुछ जगहों पर रक्षा प्रणाली विफल रही। इससे स्पष्ट होता है कि रूस की वायु सुरक्षा प्रणाली में खामियां मौजूद हैं।

रूस की प्रतिक्रिया: 'प्रतिशोध होगा'

रूसी टॉप सिक्योरिटी अधिकारी दिमित्री मेदवेदेव ने इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "प्रतिशोध अपरिहार्य है"। क्रेमलिन ने हमले की जांच शुरू कर दी है और माना जा रहा है कि रूस आने वाले दिनों में कठोर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस ऑपरेशन की सराहना की है और इसे 'बिल्कुल शानदार' करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान रूस की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

ISW का विश्लेषण: रूस को बदलनी होगी रणनीति

इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (ISW) ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि यह हमला रूस को अपनी एयर डिफेंस रणनीति में व्यापक बदलाव करने के लिए मजबूर कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस को अब अपने एयरस्पेस की सुरक्षा के लिए मोबाइल एयर डिफेंस यूनिट्स तैनात करनी होंगी जो तेजी से प्रतिक्रिया कर सकें।

यह हमला 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन के सबसे प्रभावी ऑपरेशनों में से एक माना जा रहा है।

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