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सिंदूर खेल के बाद नम आँखों से मां भगवती को दी गई विदाई — ढाक की धुन में भक्त हुए भावविभोर

सिंदूर खेल के बाद नम आँखों से मां भगवती को दी गई विदाई — ढाक की धुन में भक्त हुए भावविभोर

मेरठ, 3 अक्टूबर 2025 — नवरात्रि की नौ रात्रियों के बाद मां दुर्गा की भव्य विदाई (विसर्जन) के दौरान मेरठ में श्रद्धालुओं की आँखें नम हो उठीं। बंगाली दुर्गाबाड़ी समिति द्वारा आयोजित शोभायात्रा के साथ मां की मूर्ति को जल में विसर्जित किया गया। महिलाओं ने सिंदूर खेला किया और मां भगवती से अखंड सुहाग की प्रार्थना की।

शोभायात्रा सदर दुर्गाबाड़ी से शुरू हुई और सदर बाजार, घंटाघर, आबूलेन, बेगमपुल होते हुए नानू की नहर तक पहुँची। पूरे मार्ग में भक्तों ने “मां दुर्गा की जय” और ढाक की धुनों के बीच जीत की उमंग जगी। समिति द्वारा बताया गया कि इस वर्ष मूर्ति निर्माण में प्राकृतिक और जैविक रंगों एवं पदार्थों का उपयोग किया गया ताकि विसर्जन से जल प्रदूषण न हो और पर्यावरण सुरक्षित रहे।

नहर के किनारे श्रद्धालुओं ने नम आंखों से देवी को विदा किया। विसर्जन के बाद पुजारी शिव प्रसाद ने सबको शांति जल प्रदान किया। इसके बाद बंगाली परिवारों ने एक-दूसरे को “सुभो बिजोया” कहकर विजयदशमी की बधाई दी। आयोजन में अध्यक्ष डा. सुब्रोतो सेन, पूजा सचिव नोबेंदु राय चौधरी, संयुक्त सचिव प्रियंक चटर्जी और सत्यजीत मुखर्जी सहित कई लोग उपस्थित रहे।

शहर के घंटाघर स्थित मुकुंदी देवी धर्मशाला में भी दुर्गा पूजा पंडाल में विजया दशमी का आयोजन हुआ और विधि-विधान से देवी को विदा किया गया। आयोजन के बाद महिलाओं व बच्चों ने उत्सव के तहत प्रतियोगिताओं में भाग लिया और सांस्कृतिक संध्या में बंगाली गीतों व नृत्य की प्रस्तुतियाँ दीं।

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