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सोने-चांदी की चमक पड़ी फीकी: अमेरिका-चीन वार्ता ने घटाई सेफ इन्वेस्टमेंट की मांग

सोने-चांदी की चमक पड़ी फीकी: अमेरिका-चीन वार्ता ने घटाई सेफ इन्वेस्टमेंट की मांग

भारत में बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। बीते सप्ताह के दौरान लगातार बढ़त बना रही इन दोनों कीमती धातुओं की चमक इस बार कुछ फीकी पड़ी।

Gold and Silver Rate: बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में आखिरकार गिरावट देखने को मिली, जिससे लगातार सात दिनों से जारी तेजी का सिलसिला टूट गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 110 रुपये घटकर 97,670 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई, जबकि 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 100 रुपये कम होकर 97,250 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई। 

इसी तरह, चांदी की कीमत में भी 1,000 रुपये की बड़ी गिरावट आई और यह 1,07,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। मंगलवार को चांदी की कीमत 1,08,100 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर थी। वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी देखी गई, जहां हाजिर चांदी 0.3 प्रतिशत गिरकर 36.64 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। 

राष्ट्रीय राजधानी में क्या रहे आज के भाव?

  • सोना (24 कैरेट) – 110 रुपये की गिरावट के साथ 97,670 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
  • सोना (99.5% शुद्धता) – 100 रुपये गिरकर 97,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
  • चांदी – भारी गिरावट के साथ 1,000 रुपये टूटकर 1,07,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई।

ध्यान देने वाली बात है कि सोमवार को चांदी की कीमत 1,000 रुपये बढ़कर 1,08,100 रुपये प्रति किलो हो गई थी, जो इसका अब तक का एक नया उच्च स्तर था।

वैश्विक बाजार की चाल भी बदली

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाजिर सोना मंगलवार को थोड़ी तेजी के साथ 3,329.12 डॉलर प्रति औंस पर रहा, जबकि हाजिर चांदी 0.3% गिरकर 36.64 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। अंतरराष्ट्रीय हलचलों का असर भारतीय सर्राफा बाजार पर भी पड़ा और निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक श्रीराम अय्यर के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की संभावना के चलते निवेशकों का भरोसा शेयर बाजारों की ओर बढ़ गया है।

दरअसल, मंगलवार को लंदन में दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं, अमेरिका और चीन व्यापार वार्ता के दूसरे दौर में शामिल हुईं। इस सकारात्मक घटनाक्रम से वैश्विक बाजार में जोखिम उठाने की प्रवृत्ति बढ़ी, जिससे सोने जैसे सुरक्षित निवेश की मांग घटी।

क्या आगे और भी बदलेंगे भाव?

एक्सिस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक देवेया गगलानी का कहना है, इस हफ्ते अमेरिकी महंगाई आंकड़े (CPI data) और कंज्यूमर सेंटिमेंट इंडेक्स जैसे बड़े आर्थिक संकेतक सामने आने हैं। यदि ये आंकड़े अपेक्षा से अलग आते हैं तो फेडरल रिजर्व की भविष्य की ब्याज दर नीति पर असर पड़ेगा, जो सीधे तौर पर सोने-चांदी की कीमतों को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि निकट भविष्य में कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 में घरेलू सोने की आभूषण खपत में 9-10% तक की गिरावट आ सकती है। इसकी मुख्य वजह है पिछले सालों में सोने की कीमतों में लगभग 33% की उछाल। कीमतें बढ़ने से आम ग्राहक की खरीद क्षमता प्रभावित हो रही है, जिससे ज्वेलरी सेक्टर पर दबाव बन रहा है।

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