ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स IPO तीसरे दिन 2.47 गुना सब्सक्राइब हुआ। योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) और गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) ने जोरदार दिलचस्पी दिखाई, जबकि रिटेल और कर्मचारियों के हिस्से में धीमी रफ्तार रही। IPO का प्राइस बैंड ₹128–₹135 है और यह 3 अक्टूबर को बंद होगा।
Om Freight Forwarders IPO: ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड का IPO तीसरे दिन दोपहर तक 2.47 गुना सब्सक्राइब हो गया। ₹122.31 करोड़ के इस इश्यू में ₹24.44 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹97.88 करोड़ का OFS शामिल है। योग्य संस्थागत निवेशकों (QIB) ने 3.95 गुना और गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) ने 4.95 गुना सब्सक्रिप्शन दिखाया, जबकि रिटेल और कर्मचारियों का कोटा धीमा रहा। IPO 29 सितंबर से खुला था और 3 अक्टूबर को बंद होगा, अलॉटमेंट 6 अक्टूबर को और NSE/BSE लिस्टिंग 8 अक्टूबर को होने की उम्मीद है।
IPO का विवरण
ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स के इस आईपीओ का कुल मूल्य ₹122.31 करोड़ है। इसमें दो हिस्से शामिल हैं। पहला, ₹24.44 करोड़ मूल्य का फ्रेश इश्यू है, जिसमें 18.1 लाख शेयर शामिल हैं। दूसरा, ₹97.88 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) है, जिसमें 72.5 लाख शेयर शामिल हैं। इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹128 से ₹135 प्रति शेयर के बीच तय किया गया है।
रिटेल निवेशकों के लिए लॉट साइज 111 शेयर का तय किया गया है, जिसका न्यूनतम निवेश ₹14,985 होगा। IPO 29 सितंबर को खुला था और यह 3 अक्टूबर को बंद होगा। शेयरों का अलॉटमेंट 6 अक्टूबर को फाइनल होने की उम्मीद है, जबकि 8 अक्टूबर को NSE और BSE पर लिस्टिंग होगी।
तीसरे दिन का सब्सक्रिप्शन आंकड़ा
तीसरे दिन दोपहर 3:12 बजे तक IPO कुल 2.47 गुना सब्सक्राइब हो चुका था। NSE के आंकड़ों के अनुसार, उपलब्ध 79.17 लाख शेयरों के मुकाबले निवेशकों ने 1.96 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां लगाई हैं। इस दौरान NII और QIB निवेशकों ने प्रमुख भूमिका निभाई।
NII और QIB निवेशकों की जबरदस्त भागीदारी
इस IPO में गैर-संस्थागत निवेशकों (NIIs) का रिजर्व हिस्सा 4.95 गुना सब्सक्राइब हुआ। इसमें ₹10 लाख से ऊपर की बड़ी बोलियों वाले सेगमेंट में 5.18 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज किया गया। योग्य संस्थागत निवेशकों (QIBs) ने भी जोरदार दिलचस्पी दिखाई और उनका हिस्सा 3.95 गुना सब्सक्राइब हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भी इस आईपीओ में 14.82 लाख शेयरों के लिए बोलियां लगाई। इससे साफ़ जाहिर होता है कि बड़े निवेशक इस कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक हैं।
रिटेल और कर्मचारी कोटे में धीमी रफ्तार
वहीं, रिटेल निवेशकों (RIIs) और कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्से में अपेक्षाकृत धीमी रफ्तार देखी गई। रिटेल निवेशकों का हिस्सा 1.24 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो अन्य श्रेणियों की तुलना में कम है। कर्मचारियों के लिए रिजर्व 4.5 लाख शेयरों का था, लेकिन इस कोटे में केवल 1.41 लाख शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं, यानी केवल 0.31 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ।
Om Freight Forwarders IPO: निवेशकों की बढ़ती रुचि
विशेषज्ञों का मानना है कि इस आईपीओ में बड़े निवेशकों की रुचि कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति, लॉजिस्टिक्स और फ्रेट फॉरवर्डिंग सेक्टर में संभावनाओं के कारण है। Om Freight Forwarders ने पिछले वर्षों में अपने संचालन में स्थिर वृद्धि दर्ज की है और इसका IPO निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।
IPO के मजबूत सब्सक्रिप्शन और बड़े निवेशकों की भागीदारी से उम्मीद जताई जा रही है कि NSE और BSE पर लिस्टिंग के बाद शेयर में अच्छी मांग देखने को मिल सकती है। एनालिस्ट्स का मानना है कि फ्रेट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में वृद्धि की संभावनाओं के चलते कंपनी की पहचान और निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ सकता है।