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Surinder Choudhary: कौन है जम्मू-कश्मीर के नए डिप्टी सीएम? जिसने बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र रैनी को दी मात

जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सम्मेलन-कांग्रेस गठबंधन की सरकार जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सम्मेलन और कांग्रेस के बीच गठबंधन सरकार का गठन हो गया है। राष्ट्रीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने हैं। इस नई सरकार में पांच मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा, सुरिंदर चौधरी को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। चौधरी ने नौशेरा से रविंद्र रैना को चुनावी मैदान में हराया था।

Surinder Choudhary Profile: जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार का गठन, सुरिंदर चौधरी बने उप मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सम्मेलन और कांग्रेस गठबंधन की सरकार का गठन हो गया है। उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार जम्मू-कश्मीर की कमान संभाली है, मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाते हुए।

उमर अब्दुल्ला की सरकार में पांच मंत्रियों का एक मंत्रिमंडल गठित हुआ है, जिसमें सुरिंदर चौधरी को उप मुख्यमंत्री का पद सौंपा गया है। सुरिंदर चौधरी जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक प्रमुख शख्सियत हैं। आइए, जानते हैं सुरिंदर चौधरी के बारे में और विस्तार से।

सुरिंदर चौधरी ने रविंद्र रैना को दी शिकस्त

हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर नौशेरा विधानसभा सीट से सुरिंदर चौधरी ने भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंद्र रैना को हराया। सुरिंदर चौधरी ने 35069 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि रविंद्र रैना को 27250 वोट मिले। यह जीत भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर रविंद्र रैना जैसे अनुभवी नेता के लिए, जिन्हें क्षेत्र में एक मजबूत नेता माना जाता था।

रैना की हार और सुरेंद्र चौधरी की जीत

रविंद्र रैना, जिन्होंने 2014 में नौशरा विधानसभा सीट पर सुरिंदर चौधरी को हराया था, इस बार 7,819 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। यह एक चौंकाने वाला परिणाम है, क्योंकि रैना एक दिग्गज नेता हैं। सुरिंदर चौधरी, जो 2014 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से चुनाव लड़े थे, इस बार नेकां-कांग्रेस गठबंधन से चुनाव लड़े और विजयी रहे।

इस जीत ने सुरेंद्र चौधरी को डिप्टी सीएम पद का इनाम दिलाया है, जो नेकां-कांग्रेस गठबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है। यह घटना यह साबित करती है कि राजनीतिक परिदृश्य में कुछ भी हो सकता है, और चुनाव के परिणाम अक्सर अप्रत्याशित होते हैं।

सुरिंदर चौधरी कौन हैं? 

जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक जाना-माना नाम, सुरिंदर चौधरी जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक प्रमुख हिंदू नेता हैं। महबूबा मुफ्ती के बेहद करीबी माने जाने वाले चौधरी, जम्मू कश्मीर राज्य विधानपरिषद के सदस्य भी रहे हैं।

हालांकि, साल 2022 में नीतिगत मामलों में मतभेदों के चलते उन्होंने पीडीपी से अलग होने का फैसला लिया। पीडीपी से अलग होने के बाद सुरिंदर चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का विकल्प चुना। लेकिन एक साल के अंदर ही उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी और नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए। शिक्षा की दृष्टि से सुरिंदर चौधरी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्होंने केवल 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की है।

उन्होंने साल 1987 में जम्मू-कश्मीर राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उनकी कुल संपत्ति 2.3 करोड़ रुपये बताई जाती है। सुरिंदर चौधरी का राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उन्होंने विभिन्न दलों में रहकर अपनी राजनीतिक भूमिका निभाई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में वे जम्मू-कश्मीर की राजनीति में क्या भूमिका निभाते हैं।

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