केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बदलाव किया है। पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, और बोर्ड में छह नए सदस्य भी शामिल किए गए हैं। यह फैसला सीसीएस बैठक में लिया गया।
High Level Meeting: सरकार ने पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच एक अहम कदम उठाया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में बड़े बदलाव किए गए हैं। पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इस बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा बोर्ड में छह और नए सदस्य जोड़े गए हैं, जिनमें पूर्व वायु कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना जैसे सैन्य अधिकारी शामिल हैं।
इसके साथ-साथ, राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह जैसे आईपीएस अधिकारी भी इस बोर्ड में शामिल हुए हैं। इस बदलाव को सुरक्षा मामलों में नए दृष्टिकोण और तेजी से निर्णय लेने के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में लिया गया फैसला
यह निर्णय पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया है। इस हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संदर्भ में अपने आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई, जहां यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
एनएसएबी (National Security Advisory Board) का काम
एनएसएबी एक विशेष बोर्ड है, जिसमें सरकार के बाहर के विशेषज्ञ और प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को सही विश्लेषण प्रदान करना और उनकी उठाई गई समस्याओं के लिए समाधान तथा नीति विकल्पों की सिफारिश करना है। यह बोर्ड सरकारी सुरक्षा नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सुझाव देता है।
आलोक जोशी का योगदान और उनका करियर
आलोक जोशी, जो भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख रह चुके हैं, एक अनुभवी सुरक्षा विशेषज्ञ हैं। उन्होंने 2012 से 2014 तक रॉ के प्रमुख के रूप में कार्य किया और अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों का नेतृत्व किया। उनकी विशेषज्ञता और नेतृत्व में भारत की सुरक्षा को कई मामलों में मजबूती मिली।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बैठकें
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा मामलों को लेकर कई बैठकें बुलाई हैं। इसके बाद राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठकें भी हुईं। आगामी दिनों में एक पूर्ण कैबिनेट की बैठक भी होने वाली है, जिससे सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की जाएगी।