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उज्ज्वल निकम को मिला राज्यसभा का न्योता, पीएम मोदी ने मराठी में दी बधाई

उज्ज्वल निकम को मिला राज्यसभा का न्योता, पीएम मोदी ने मराठी में दी बधाई

मुंबई अटैक केस के सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। पीएम मोदी ने उन्हें फोन कर जानकारी दी और मराठी में बातचीत की। निकम ने राष्ट्रपति और पीएम को धन्यवाद दिया।

New Delhi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, शिक्षाविद् सी सदानंदन मास्टर और इतिहासकार मीनाक्षी जैन को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। यह घोषणा गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार देर रात अधिसूचना जारी कर की गई। चारों नामों का चयन संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया गया है, जिसके तहत राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को राज्यसभा में नामित कर सकती हैं।

पीएम मोदी का फोन और खास अंदाज में दी जानकारी

राज्यसभा के लिए नामित होने के बाद उज्ज्वल निकम ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर दी। निकम ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि क्या वह हिंदी में बात करें या मराठी में। इस पर हम दोनों हंसने लगे। फिर उन्होंने मराठी में बातचीत की और बताया कि राष्ट्रपति मुझे यह जिम्मेदारी देना चाहती हैं।”

निकम ने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई थी, तब पीएम मोदी ने उन पर भरोसा जताया था। उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही प्रधानमंत्री ने मनोयन की बात की, मैंने तुरंत हामी भर दी।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उज्ज्वल निकम और अन्य तीन नामित सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा कि उज्ज्वल निकम का कानूनी क्षेत्र में समर्पण प्रेरणादायक है। वे न केवल एक सफल वकील रहे हैं, बल्कि कई महत्वपूर्ण मामलों में न्याय सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं।

पीएम मोदी ने कहा, “अपने पूरे कानूनी करियर के दौरान निकम ने संविधान की मूल भावना को बनाए रखा और आम नागरिकों के साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार सुनिश्चित करने का प्रयास किया। उन्हें राज्यसभा में नामित किया जाना गर्व की बात है।”

कौन हैं उज्ज्वल निकम?

उज्ज्वल निकम देश के जाने-माने आपराधिक मामलों के वकील हैं। उनका जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ था। उन्होंने कई हाई प्रोफाइल मामलों में सरकारी वकील के रूप में काम किया है। सबसे प्रमुख नाम है 2008 का मुंबई आतंकी हमला। इस हमले में एकमात्र जीवित पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी की सजा दिलाने में निकम की भूमिका निर्णायक रही थी।

इसके अलावा, वे 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे मामलों में भी सरकारी पक्ष की ओर से अदालत में खड़े हुए। उनकी कानूनी समझ, मजबूत तर्क और अदालत में प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए उन्हें पूरे देश में जाना जाता है।

पद्म श्री से सम्मानित हो चुके हैं निकम

सरकारी सेवाओं में अपने योगदान और कानूनी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2016 में उज्ज्वल निकम को पद्म श्री सम्मान से नवाज़ा था। यह भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

लोकसभा चुनाव में मिली थी हार

बीजेपी ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उज्ज्वल निकम को मुंबई उत्तर मध्य सीट से मैदान में उतारा था। हालांकि, उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी वर्षा गायकवाड़ से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। लेकिन पार्टी ने उनके अनुभव और कानूनी सेवा को ध्यान में रखते हुए उन्हें राज्यसभा के माध्यम से संसद में भेजने का फैसला किया।

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