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उत्तरकाशी धराली त्रासदी: उत्तराखंड सरकार ने उठाए बड़े कदम, सीएम धामी ने बचाव अभियान पर रखी निगरानी

उत्तरकाशी धराली त्रासदी: उत्तराखंड सरकार ने उठाए बड़े कदम, सीएम धामी ने बचाव अभियान पर रखी निगरानी

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार ने राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिकूल मौसम के बावजूद स्वयं राहत अभियान की निगरानी की। केंद्र सरकार के सहयोग से हेलीकॉप्टर, चिकित्सा सुविधाएं और वित्तीय सहायता प्रदान कर बचाव कार्य तेज किए जा रहे हैं।

Uttarakhand: धराली आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मध्य प्रदेश दौरे को स्थगित कर स्वयं राहत कार्यों की निगरानी की। केंद्र सरकार ने हेलीकॉप्टर, विशेषज्ञ डॉक्टर और वित्तीय मदद उपलब्ध कराई है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियां मिलकर राहत अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। प्रभावितों को सुरक्षित निकालने, खाने-पीने व आवास की उचित व्यवस्था करने के साथ-साथ संपर्क नेटवर्क बहाल करने के भी प्रयास जारी हैं।

आपदा के तुरंत बाद तीव्र राहत और बचाव कार्य

धराली में आई त्रासदी की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मध्य प्रदेश दौरे को स्थगित कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को स्थिति से अवगत कराया। पहले दिन तक 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया और प्रभावितों के लिए खाने-पीने तथा आश्रय की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। आपदा प्रबंधन के बेहतर समन्वय के लिए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय को नोडल अफसर बनाया गया। अपर सचिव विनीत कुमार को राहत अभियान के लिए उत्तरकाशी में कैंप लगाने का आदेश दिया गया।

300 पुलिसकर्मियों सहित दो आईजी, तीन एसपी, एक कमांडेंट और 11 डिप्टी एसपी को उत्तरकाशी भेजा गया। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी के 160 पुलिस कर्मियों ने भी राहत कार्यों में सहयोग दिया। सरकार ने आपदा मोचन निधि से 20 करोड़ रुपये जारी कर वित्तीय सहायता की घोषणा की। विभिन्न विभागों के सचिवों को प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल पहुंचने के निर्देश दिए गए।

केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त अभियान

प्रतिकूल मौसम के बावजूद मुख्यमंत्री धामी ने धराली का हवाई सर्वे किया और प्रभावित परिवारों से मिलकर राहत कार्यों की समीक्षा की। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए। इन हेलीकॉप्टरों के माध्यम से भारी उपकरण एयरलिफ्ट कर सड़क मार्ग बहाल करने के प्रयास किए गए। स्वास्थ्य विभाग ने दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में घायलों के लिए बेड आरक्षित किए और विशेषज्ञ डॉक्टरों को उत्तरकाशी भेजा।

जिला प्रशासन ने हर्षिल के इंटर कॉलेज, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर लगाए। क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क बहाल करने का कार्य तेजी से चल रहा है। एनआईएम और एसडीआरएफ ने लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण भी शुरू किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर वक्त अलर्ट रहने के निर्देश दिए और रात्रि विश्राम उत्तरकाशी में किया।

मुख्यमंत्री ने किया प्रभावित इलाकों का निरीक्षण

गुरुवार से मातली उत्तरकाशी से हर्षिल के बीच शटल सेवा शुरू की गई, जिसमें यूकाडा के आठ हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया। राहत अभियान के तहत 274 प्रभावितों को गंगोत्री और आसपास के इलाकों से सुरक्षित हर्षिल तक पहुंचाया गया। इनमें से अधिकांश विभिन्न राज्यों के निवासी थे, जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, असम, कर्नाटक, तेलंगाना और पंजाब के लोग शामिल हैं। शाम तक 135 लोगों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचा दिया गया, जबकि 274 लोगों को हर्षिल में अस्थायी रूप से रखा गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी से पौड़ी के सैंजी क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया, प्रभावित परिवारों से बातचीत की और राहत राशि वितरित की। उन्होंने थलीसैंण तहसील के बांकुडा समेत अन्य प्रभावित क्षेत्रों का भी हवाई सर्वे किया। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रभावितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया।

उत्तराखंड सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और केंद्र की सहायता से राहत एवं बचाव कार्य अब तक सुचारू रूप से जारी हैं, जिससे प्रभावित जनों को बड़ी राहत मिली है। इसके बावजूद, राहत कार्यों को और तेज करने एवं प्रभावित इलाकों में पुनर्वास सुनिश्चित करने की कवायद जारी है।

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