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वैष्णो देवी यात्रा भूस्खलन की वजह से 9 दिनों से बंद, कटरा बेस कैंप से अर्धकुंवारी तक सुनसान रास्ते

वैष्णो देवी यात्रा भूस्खलन की वजह से 9 दिनों से बंद, कटरा बेस कैंप से अर्धकुंवारी तक सुनसान रास्ते

माता वैष्णो देवी यात्रा पिछले 9 दिनों से भूस्खलन के कारण स्थगित है। 26 अगस्त को अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन के बाद से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोकी गई है। ताजा घटना समर प्वाइंट पर हुई, हालांकि इसमें कोई यात्री हताहत नहीं हुआ। सुरक्षा कारणों से कटरा बेस कैंप और ठहरने की व्यवस्थाएं खाली करा दी गई हैं।

Vaishno Devi Yatra Suspended: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा लगातार नौवें दिन, बुधवार 3 सितंबर को भी बंद रही। 26 अगस्त को अर्धकुंवारी के पास बारिश से हुए भूस्खलन के बाद से तीर्थयात्रा को निलंबित किया गया है। ताजा भूस्खलन समर प्वाइंट पर हुआ, सौभाग्य से उस समय कोई यात्री मौजूद नहीं था। एहतियातन प्रशासन ने कटरा बेस कैंप और आसपास की ठहरने की व्यवस्थाएं खाली कराई हैं, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

कटरा बेस कैंप पर सन्नाटा

माता वैष्णो देवी यात्रा निलंबित रहने के कारण कटरा बेस कैंप पूरी तरह सुनसान पड़ा है। जहां आम दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, वहां अब सन्नाटा पसरा है। स्थानीय दुकानदारों और होटल कारोबारियों पर भी इसका असर पड़ा है।

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार (3 सितंबर) तक आधार शिविर कटरा में 24 घंटे के भीतर 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई। यह जम्मू क्षेत्र में सबसे अधिक है और यही वजह है कि प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मार्ग को बंद रखा है।

26 अगस्त का दर्दनाक हादसा

26 अगस्त को अर्धकुंवारी के पास पुराने मार्ग पर भारी बारिश से भूस्खलन हुआ था। इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और करीब 20 लोग घायल हुए थे। इसके बाद प्रशासन ने यात्रा तत्काल रोक दी।

हालांकि मंदिर के कपाट खुले हुए हैं और पुजारी प्रतिदिन पूजा-अर्चना व अनुष्ठान कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि भक्तों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी कारण यात्रा बहाल नहीं की जा रही है।

श्रद्धालुओं की मजबूरी

कटरा पहुंचे कई श्रद्धालु घर लौटने से पहले ‘दर्शनी ड्योढ़ी’ पर ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं। महाराष्ट्र से आए प्रमोद ने कहा कि उन्होंने तीन महीने पहले ही यात्रा की सारी बुकिंग कर ली थी, लेकिन अब दर्शन नहीं हो पाने से वे निराश हैं।

श्रद्धालुओं का मानना है कि हालात जैसे भी हों, वे माता के दरबार में हाजिरी देना चाहते थे। लेकिन यात्रा स्थगित होने से उन्हें प्रवेश द्वार से ही श्रद्धा अर्पित करनी पड़ रही है।

यात्रा कब होगी बहाल?

लगातार बारिश के कारण नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। बाणगंगा नदी, जो जम्मू से होकर बहती है, खतरे के निशान के पास बह रही है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते और मलबा पूरी तरह साफ नहीं हो जाता, यात्रा को फिर शुरू नहीं किया जाएगा।

मंदिर तक पहुंचने के लिए 12 किलोमीटर लंबे मार्ग को सुरक्षित बनाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। इसलिए यात्रा बहाली का निर्णय केवल तभी लिया जाएगा जब मार्ग श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हो।

अब तक का सबसे लंबा ठहराव

कोविड-19 के बाद यह अब तक का सबसे लंबा समय है जब माता वैष्णो देवी यात्रा ठप रही है। साल 2024 में लगभग 95 लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए थे। यह औसतन प्रतिदिन 26 हजार से ज्यादा भक्तों की संख्या रही।

वहीं वित्त वर्ष 2024-25 (जनवरी तक) में मंदिर को श्रद्धालुओं से करीब 172 करोड़ रुपये दान मिला। यात्रा बंद होने से यह संख्या और आय, दोनों पर असर पड़ने की आशंका है।

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