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वाराणसी ध्वस्तीकरण अभियान: BJP कार्यकर्ता की दुकान ढही, बोले– विकास के लिए कुर्बानी मंजूर

वाराणसी ध्वस्तीकरण अभियान: BJP कार्यकर्ता की दुकान ढही, बोले– विकास के लिए कुर्बानी मंजूर

वाराणसी के दालमंडी इलाके में सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत गुरुवार शाम प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता अभिषेक चौरसिया के परिवार की दुकान भी तोड़ी गई। कार्रवाई के बाद कार्यकर्ता ने कहा कि विकास कार्यों के लिए यह त्याग भी स्वीकार है।

वाराणसी: दालमंडी क्षेत्र में 8 नवंबर की शाम प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण के तहत ध्वस्तीकरण अभियान चलाया। इस दौरान जिस दुकान पर पीडब्ल्यूडी की टीम ने कार्रवाई की, वह बीजेपी कार्यकर्ता अभिषेक चौरसिया के परिवार की बताई जा रही है। मोहन प्रसाद चौरसिया और विजय प्रसाद के स्वामित्व वाली इस दुकान को प्रशासन ने हथौड़ा और ड्रिलिंग मशीन की मदद से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक जाने वाले मार्ग को चौड़ा और सुगम बनाने के लिए की गई है। वहीं, अभिषेक चौरसिया ने प्रशासनिक कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विकास कार्यों में सहयोग देना हर नागरिक का दायित्व है और वे इस त्याग को क्षेत्र के हित में स्वीकार करते हैं।

दुकान टूटने पर व्यापारियों ने किया विरोध

ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर दालमंडी क्षेत्र के कई दुकानदारों ने नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से दिया गया मुआवजा बेहद कम है, जिससे दोबारा व्यापार शुरू करना मुश्किल हो गया है। कुछ व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाया कि इस कार्रवाई में जानबूझकर दालमंडी को चुना गया, जबकि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक जाने के लिए अन्य मार्गों को भी चौड़ा किया जा सकता था। दुकानदारों ने उचित मुआवजे और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है।

प्रशासन की सख्त निगरानी में चला ध्वस्तीकरण अभियान

वाराणसी के दालमंडी इलाके में हुई ध्वस्तीकरण कार्रवाई प्रशासनिक नियंत्रण में की गई। पूरी प्रक्रिया के दौरान पुलिस बल और स्थानीय अधिकारियों की मौजूदगी रही ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था या विरोध की स्थिति उत्पन्न न हो। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई शहर में चल रहे सड़क चौड़ीकरण और विकास कार्यों का अहम हिस्सा है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अभियान का उद्देश्य केवल यातायात व्यवस्था और मंदिर मार्ग को सुगम बनाना है, न कि किसी को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाना। प्रशासन का मानना है कि इस परियोजना से स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं को भविष्य में बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचना पहले की तुलना में आसान हो जाएगा।

दुकानदारों की नाराज़गी के बीच आगे की राह चुनौतीपूर्ण

हालांकि प्रशासनिक पक्ष विकास कार्यों पर जोर दे रहा है, लेकिन दुकानदारों की असहमति अब भी बनी हुई है। प्रभावित व्यापारियों का कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है और नई जगह पर कारोबार शुरू करना मुश्किल साबित हो रहा है। कुछ स्थानीय लोगों ने इस अभियान में निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं।

जानकारों का मानना है कि प्रशासन को अब प्रभावित लोगों से संवाद स्थापित कर समाधान निकालना होगा ताकि विकास और आजीविका दोनों के बीच संतुलन कायम रह सके। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि विरोध और विकास के बीच यह मुद्दा किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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