14 जुलाई 2025 को Vodafone Idea के शेयर में तेज़ी देखने को मिली। शेयर सुबह 7.17 रुपये के भाव पर खुला और दिन के दौरान इसमें करीब 7 फीसदी की उछाल दर्ज की गई। बाजार में चल रही चर्चा और विश्लेषकों की रिपोर्ट के अनुसार, इस तेजी के पीछे कई अहम वजहें सामने आ रही हैं, जिनमें सबसे बड़ा कारण सरकार की ओर से संभावित समर्थन की उम्मीद और घरेलू निवेशकों की लगातार हो रही खरीदारी है।
UBS ने घटाई रेटिंग, लेकिन टारगेट बढ़ा
यूबीएस (UBS) की ताज़ा रिपोर्ट में कंपनी की रेटिंग को Neutral रखा गया है, जो इससे पहले Buy थी। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि यूबीएस ने शेयर का टारगेट बढ़ाकर ₹8.50 कर दिया है। मौजूदा कीमत के हिसाब से यह करीब 20 फीसदी का संभावित फायदा दिखाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2027 के अनुमानित EBITDA के अनुसार Vodafone Idea का EV/EBITDA मल्टीपल 11x पर है, जो इस सेक्टर के हिसाब से महंगा माना जा रहा है। वहीं, कंपनी को मिलने वाली सरकारी राहत को लेकर अब भी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है।
सरकारी मदद की उम्मीद से बाजार में जोश
Vodafone Idea को लेकर बाजार में उम्मीद बनी हुई है कि केंद्र सरकार तीनों प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को बनाए रखने की नीति के तहत वोडाफोन आइडिया को भी किसी न किसी रूप में राहत दे सकती है। इससे पहले इसी साल सरकार ने 36,950 करोड़ रुपये के बकाया स्पेक्ट्रम शुल्क के बदले कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाकर 48.99 फीसदी तक कर दी थी।
इस कदम ने यह संकेत दिया था कि सरकार Vodafone Idea को डूबने नहीं देना चाहती। अब निवेशकों को अगली संभावित राहत या फंडिंग की घोषणा का इंतजार है, जिसने शेयर की मांग को हाल के दिनों में तेज किया है।
एफआईआई बेच रहे, डीआईआई कर रहे जमकर खरीदारी
एक्सचेंज द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की हिस्सेदारी अप्रैल 2025 में घटकर 6.56 फीसदी रह गई है, जो एक तिमाही पहले 10.11 फीसदी थी। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने इस गिरावट का फायदा उठाते हुए अपनी हिस्सेदारी 27.53 फीसदी से बढ़ाकर 52.42 फीसदी कर ली है।
इतना ही नहीं, पब्लिक होल्डिंग भी घटकर 11.65 फीसदी पर आ गई है, जो पहले 17.75 फीसदी थी। इन आंकड़ों से साफ है कि बाजार में कमजोर हाथों से मजबूत हाथों की ओर शेयर का स्थानांतरण हुआ है।
फंडिंग में देरी बना सबसे बड़ा रोड़ा
Vodafone Idea की सबसे बड़ी चुनौती फिलहाल फंडिंग को लेकर बनी हुई है। कंपनी ने पहले कहा था कि वह बाहरी निवेशकों से बड़ी पूंजी जुटाने की योजना बना रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस ऐलान नहीं हुआ है। फंडिंग में हो रही इस देरी ने कंपनी की नेटवर्क विस्तार और 5G सेवाओं की शुरुआत की योजनाओं को भी पीछे धकेल दिया है।
विश्लेषकों का मानना है कि जब तक कंपनी नई पूंजी नहीं जुटा पाती, तब तक वह रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ती रहेगी।
बाजार हिस्सेदारी में लगातार गिरावट
टेलीकॉम सेक्टर में चल रही प्रतिस्पर्धा के बीच Vodafone Idea की बाजार हिस्सेदारी में लगातार गिरावट आ रही है। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में यूजर्स जियो और एयरटेल की तरफ शिफ्ट हुए हैं। कंपनी की सेवाओं में निवेश की कमी और नेटवर्क क्वालिटी से जुड़ी शिकायतों ने ग्राहकों को निराश किया है।
हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि अगर कंपनी फंडिंग हासिल कर लेती है और नेटवर्क को बेहतर बनाती है, तो वह दोबारा बाजार में पकड़ बना सकती है।
छोटे निवेशकों के लिए बना है ट्रेडिंग फेवरेट
Vodafone Idea का शेयर छोटे निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर है, क्योंकि इसकी कीमत सिंगल डिजिट में रहती है। कम कीमत पर खरीदारी का अवसर देखते हुए ट्रेडर्स इसमें बार-बार एंट्री करते हैं। हर बार जब कोई पॉजिटिव खबर आती है, तो शेयर में तेज़ी देखने को मिलती है।
14 जुलाई की तेजी भी इसी प्रवृत्ति का हिस्सा रही, जहां सरकारी राहत की उम्मीदों और विश्लेषक रिपोर्ट की बदौलत शेयर ने 7 फीसदी की छलांग लगाई।
5G और नेटवर्क विस्तार में पिछड़ रही कंपनी
जब भारत में तेजी से 5G सेवाएं फैल रही हैं, Vodafone Idea अब भी इन सेवाओं से दूर नजर आ रही है। जियो और एयरटेल जहां देशभर में 5G नेटवर्क विस्तार में जुटे हैं, वहीं वोडाफोन आइडिया के पास इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं है। कंपनी ने फिलहाल सीमित शहरों में ही 5G परीक्षण शुरू किया है, लेकिन कम फंडिंग के कारण इसे पूरे देश में फैलाना चुनौती बना हुआ है।