Udit Narayan: 36 साल पहले गाने के फ्लॉप होने का था डर, बोले- 'अगर हिट नहीं होता, तो घर लौट जाता'

Udit Narayan: 36 साल पहले गाने के फ्लॉप होने का था डर, बोले- 'अगर हिट नहीं होता, तो घर लौट जाता'
Last Updated: 01 दिसंबर 2024

बॉलीवुड के सबसे सम्मानित सिंगर्स में से एक, उदित नारायण (Udit Narayan) का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे दिमाग में रोमांटिक गाने आते हैं, खासकर उनका मशहूर गाना 'पापा कहते हैं'। यह गाना न केवल उनकी करियर की एक प्रमुख उपलब्धि था, बल्कि इस गाने ने उनकी पूरी जिंदगी को भी बदल दिया। मगर क्या आप जानते हैं कि उस समय सिंगर को इस गाने की सफलता को लेकर भी बड़ा डर था? हाल ही में, 'पापा कहते हैं' गाने के रीमेक के लॉन्च के दौरान उदित नारायण ने इस गाने से जुड़ी अपनी कड़ी मेहनत और डर को याद किया।

36 साल पुरानी यादें

सोमवार को फिल्म 'श्रीकांत' के गाने 'पापा कहते हैं' का रीमेक लॉन्च हुआ, और इस मौके पर उदित नारायण ने 36 साल पुरानी एक दिलचस्प कहानी शेयर की। उन्होंने कहा, "यह गाना मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट था, और मुझे यकीन नहीं होता कि लोग आज भी इस गाने को उतना ही प्यार करते हैं जितना पहले करते थे।" दरअसल, यह गाना 1988 में आमिर खान की फिल्म कयामत से कयामत तक का हिस्सा था और तब से यह गाना एक हिट आइकॉन बन गया।

गाने की सफलता पर था सवाल

उदित नारायण ने इस गाने के हिट होने के बाद एक दिलचस्प खुलासा किया। उन्होंने कहा, "36 साल पहले जब मुझे यह गाना गाने के लिए कहा गया, तो मैं बहुत डर रहा था। मुझे बताया गया था कि मुझे आमिर खान के लिए गाना गाना है, और उस समय अगर गाना हिट नहीं होता तो मैं सोच रहा था कि शायद मुझे घर वापस लौटना पड़े।"

सिंगर ने यह भी बताया कि वह डरते थे कि अगर गाना फ्लॉप हो जाता है, तो उनका करियर खत्म हो सकता है और वह इस इंडस्ट्री से बाहर हो सकते हैं। "वह वक्त मेरे लिए बहुत कठिन था, क्योंकि मैं इंडस्ट्री में नया था और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या होगा।" यह बयान दिखाता है कि चाहे वह आज इंडस्ट्री के दिग्गज सिंगर हो, लेकिन शुरुआत में उन्हें भी हर काम की सफलता का डर था।

पापा कहते हैं गाने का महत्व

उदित नारायण के लिए 'पापा कहते हैं' केवल एक गाना नहीं था, बल्कि यह उनके करियर के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। इस गाने ने उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और आज भी यह गाना बहुत ही पॉपुलर है। गाने के बोल, संगीत और उदित नारायण की आवाज़ ने इस गाने को बॉलीवुड के सबसे हिट रोमांटिक गानों में शामिल कर दिया।

उन्होंने बताया, "अगर यह गाना हिट नहीं हुआ होता तो आज जो मैं हूं, वो नहीं होता। शायद मैं इस इंडस्ट्री से बाहर चला जाता।" यह गाना उनके लिए एक जीवन का मोड़ साबित हुआ, और इससे उनकी पहचान बनी।

रेमेक और उदित नारायण का योगदान

गाने का रीमेक इस बार राजकुमार राव की फिल्म 'श्रीकांत' में इस्तेमाल किया गया है, और यह नए अंदाज में पेश किया गया है। खास बात यह है कि इस गाने को अब भी वही आवाज़ मिली है जो पहले थी। उदित नारायण ने इस गाने के लॉन्च के मौके पर कहा, "यह मेरे लिए गर्व की बात है कि इस गाने को अब भी लोग उतना ही प्यार करते हैं और मुझे यह गाना फिर से गाने का मौका मिला।"

उन्होंने फिल्म 'श्रीकांत' के निर्माता और आमिर खान को धन्यवाद दिया, जिन्होंने पहले गाने के सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह गाना आज भी अपने पुराने जादू के साथ सभी दर्शकों के बीच में लोकप्रिय हैं।

संगीत उद्योग में संघर्ष का सफर

उदित नारायण का सफर बहुत संघर्षपूर्ण था। नेपाल में जन्मे और वहां से मुंबई आए उदित को अपनी पहचान बनाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी। वह एक छोटे रेडियो स्टेशन पर काम करते थे, जहां उन्हें मुश्किल से 100 रुपये मिलते थे। लेकिन उनकी मेहनत और संगीत के प्रति दीवानगी ने उन्हें एक दिन बॉलीवुड के सबसे बड़े सिंगर्स में से एक बना दिया।

उदित नारायण ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मेहनत और सही मौके पर सही काम करने को दिया। उन्होंने बताया, "मेरे पास कुछ नहीं था, लेकिन मुझे संगीत से प्यार था और मैंने इस उद्योग में अपना नाम बनाने का ठान लिया था।"

नतीजा सफलता का स्वाद

आज उदित नारायण का नाम संगीत जगत में सबसे बड़े और सम्मानित नामों में लिया जाता है। वह न केवल बॉलीवुड, बल्कि तमिल, तेलुगु, बंगाली, भोजपुरी और अन्य भाषाओं में भी गाने गा चुके हैं। उनका नाम कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें पद्मश्री भी शामिल हैं।

इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि अगर किसी के पास जूनून और मेहनत हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है। उदित नारायण का जीवन हमें यह सिखाता है कि किसी भी स्थिति में डर को पीछे छोड़कर, अपनी मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त की जा सकती हैं।

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