आम आदमी पार्टी ने 'बिहार में भी केजरीवाल' अभियान की शुरुआत की है। इसका मकसद बिहार में चुनावी जमीन तैयार करना और दिल्ली के पूर्वांचली वोटरों से दोबारा कनेक्शन बनाना है।
Bihar Election: आम आदमी पार्टी (AAP) ने 'बिहार में भी केजरीवाल' कैंपेन की शुरुआत की है, जिसका मुख्य उद्देश्य बिहार के ज़रिए दिल्ली के पूर्वांचली वोटर्स से फिर से जुड़ना है। दिल्ली की झुग्गियों में हुई तोड़फोड़ को बिहार में बड़ा मुद्दा बनाकर AAP आगामी दिल्ली चुनावों में खोई जमीन वापस पाने की रणनीति पर काम कर रही है।
दिल्ली से बिहार तक सियासी सफर की नई शुरुआत
आम आदमी पार्टी ने एक नया चुनावी नारा दिया है: "जिन लोगों ने दिल्ली से बिहारियों को भगाया है, उस बीजेपी को बिहार से बिहारी लोग भगाएंगे।" यह नारा एक साथ दो राज्यों में सियासी जमीन मजबूत करने की रणनीति है। AAP का यह प्रयास है कि दिल्ली की राजनीति में हाशिए पर जा रहे पूर्वांचली वोटर्स को फिर से अपने पाले में लाया जाए और साथ ही बिहार में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को दर्ज किया जाए।
मद्रासी कैंप पर कार्रवाई, बना सियासी हथियार
दिल्ली की झुग्गी बस्ती ‘मद्रासी कैंप’ में हाल ही में सरकारी अभियान के तहत तोड़फोड़ हुई थी। इस घटना में विस्थापित हुए अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं। सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह ने इस मौके को राजनीतिक हथियार बनाकर प्रभावित इलाकों का दौरा किया और इसे संसद से लेकर पटना तक मुद्दा बनाने की बात कही।
AAP इस मुद्दे को संसद में उठाने के साथ-साथ पटना में धरना देने जा रही है, ताकि यह बात बिहार के लोगों तक पहुँचे कि दिल्ली की बीजेपी सरकार उनके अपनों के साथ अन्याय कर रही है।
पूर्वांचल के वोटर्स से फिर से जुड़ने की कवायद
दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP की हार के एक बड़े कारण के रूप में पूर्वांचल के वोटर्स की नाराज़गी देखी गई थी। अब AAP एक बार फिर पूर्वांचली समाज को समझाने में लगी है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने उनके लिए क्या किया और मौजूदा बीजेपी सरकार क्या नहीं कर रही है।
पार्टी न सिर्फ दिल्ली के पूर्वांचली मतदाताओं से संपर्क कर रही है बल्कि उनसे यह अपील भी कर रही है कि वे बिहार में अपने परिवार और रिश्तेदारों को समझाएं कि आम आदमी पार्टी किस तरह बीजेपी से बेहतर विकल्प है।
अरविंद केजरीवाल नदारद, राकेश यादव कर रहे मोर्चा संभाल
‘बिहार में भी केजरीवाल’ कैंपेन की अगुवाई खुद केजरीवाल नहीं कर रहे। फिलहाल, पार्टी के बिहार संयोजक राकेश यादव इस अभियान को सात चरणों में चला रहे हैं। पार्टी की रणनीति है कि बिहार में स्थानीय चेहरों के माध्यम से चुनाव लड़ा जाए, जबकि दिल्ली और पंजाब में पार्टी नेतृत्व की भूमिका ज्यादा सक्रिय हो।
AAP ने बिहार को उन राज्यों की सूची में रखा है, जहां केजरीवाल खुद कैंपेन नहीं करेंगे। यानी, बिहार में पार्टी की चुनावी रणनीति पूरी तरह से स्थानीय नेतृत्व पर आधारित होगी।
2027 की तैयारियों में जुटी पार्टी
AAP ने अगले दो वर्षों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है। पार्टी ने राज्यों को दो कैटेगरी में बांटा है। पहली, जहां केजरीवाल खुद मोर्चा संभालेंगे (जैसे पंजाब, गुजरात), और दूसरी, जहां स्थानीय नेताओं के भरोसे चुनाव लड़ा जाएगा (जैसे बिहार)।
बिहार में फिलहाल पार्टी अकेले ही सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और किसी पार्टी के साथ गठबंधन का कोई संकेत नहीं है।