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चुनाव को लेकर बांग्लादेश में सियासी जंग, BNP और Awami League ने सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप

चुनाव को लेकर बांग्लादेश में सियासी जंग, BNP और Awami League ने सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप

बांग्लादेश में अप्रैल 2026 चुनाव को BNP और Awami League ने विरोध किया। चुनाव समय-सीमा पर सवाल उठाए गए, सरकार पर निष्पक्षता खोने और पक्षपात के आरोप लगे हैं।

Bangladesh Election: बांग्लादेश में अगले साल अप्रैल 2026 में संसदीय चुनाव कराने के सरकार के प्लान को देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया है। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी BNP दोनों ही इस चुनाव तारीख को उपयुक्त नहीं मानतीं। BNP ने खास तौर पर इस योजना के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है और सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है। 

चुनाव की अप्रैल 2026 की तिथि पर BNP का विरोध

BNP यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने सरकार द्वारा घोषित अप्रैल 2026 की चुनाव तिथि को देश के हालात के लिहाज से बिल्कुल गलत बताया है। BNP के स्थायी समिति सदस्य आमिर खासरू महमूद चौधरी ने कहा कि अप्रैल महीने में चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है क्योंकि इस समय बांग्लादेश में भीषण गर्मी होती है, साथ ही तूफान और भारी बारिश का खतरा भी रहता है। इसके अलावा यह समय रमजान के बाद आता है, जो चुनाव प्रचार के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। 

चुनाव तारीख पर विवाद 

BNP ने यह भी सुझाव दिया है कि चुनाव दिसंबर 2025 तक कर लिए जाएं क्योंकि इससे देश में राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी। कई राजनीतिक दल भी इसी तिथि को उपयुक्त मानते हैं। BNP नेता ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो चुनाव अगस्त या सितंबर 2025 में भी कराए जा सकते हैं, जिससे मौसम और अन्य समस्याएं कम होंगी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अप्रैल में चुनाव कराना सरकार की मंशा से जुड़ा है और क्या इससे चुनाव निष्पक्ष होंगे या नहीं।

शेख हसीना की पार्टी का विरोध

दूसरी ओर, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने भी अप्रैल में चुनाव कराने के सरकार के प्लान का विरोध किया है। गौरतलब है कि इस चुनाव से पहले ही यूनुस सरकार ने शेख हसीना की पार्टी को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे यह पार्टी देश में चुनाव लड़ने से वंचित हो गई है। शेख हसीना और उनके कई समर्थक वर्तमान में भारत समेत अन्य देशों में शरण लिए हुए हैं।

आवामी लीग यूएसए के नेता रब्बी आलम ने कहा कि शेख हसीना लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गईं हैं और संविधान के तहत वे 2029 तक प्रधानमंत्री के रूप में बनी रहेंगीं। उन्होंने इस चुनाव की निंदा की और इसे संविधान के खिलाफ बताया।

चुनाव को लेकर BNP का फोकस और आगामी रणनीति

BNP ने बार-बार कहा है कि वे इस साल दिसंबर तक ही चुनाव कराना चाहते हैं। हालांकि, मुहम्मद यूनुस की नई घोषणा के बाद BNP ने अभी तक अपनी अगली रणनीति तय नहीं की है। पार्टी ने ईद की छुट्टियों के बाद समान विचारधारा वाले दलों और सहयोगी पार्टियों के साथ चर्चा करने का निर्णय लिया है ताकि चुनाव को लेकर बेहतर योजना बनाई जा सके।

BNP के महासचिव मिर्जा फखरूल इस्लाम ने कहा कि अप्रैल का चुनाव समय बांग्लादेश के लिए सही नहीं है क्योंकि उस समय मौसम खराब होता है, वहीं रमजान के दौरान चुनाव प्रचार करना भी मुश्किल होगा। उन्होंने सरकार की चुनाव तिथि तय करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और कहा कि यह समय-सीमा ईमानदारी से तय नहीं की गई है।

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