देश में हर चुनाव के पूर्व चुनाव आयोग द्वारा संबंधित क्षेत्र में आचार संहिता लागू की जाती है। आज यानी मंगलवार को चुनाव आयोग झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा। इसके साथ ही इन दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। आइए जानते हैं कि यह आचार संहिता क्या है और किन-किन चीजों पर प्रतिबंध लगेगा...
New Delhi: चुनाव आयोग के आदर्श आचार संहिता के नियम और विनियम: चुनाव आयोग आज यानी मंगलवार को झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। इसके साथ ही इन दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिसके चलते राज्य में कई प्रकार की पाबंदियां भी लागू हो जाएंगी।
ऐसे में यह जानना आपके लिए महत्वपूर्ण है कि आदर्श आचार संहिता के दौरान किन-किन कार्यों पर पाबंदी रहेगी। चुनाव आयोग ने देश में बिना किसी रुकावट के पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आदर्श आचार संहिता के तहत कुछ नियम और मानक निर्धारित किए हैं, जिनका सभी राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से पालन करना होता है।
प्रावधान क्या होते हैं?
इसमें चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए सामान्य आचार-व्यवहार से संबंधित नियमों का निर्धारण किया है। इसमें सभाओं, जूलूसों, मतदान की प्रक्रिया, पोलिंग बूथ, पर्यवेक्षक और घोषणा पत्र से जुड़े नियम शामिल हैं।
राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए...
- विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच मतभेद या घृणा बढ़ाने वाली गतिविधियों में भाग न लें।
- नीतियों और कार्यों की आलोचना करें, लेकिन किसी दल, नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्पणी न करें।
- किसी जाति या संप्रदाय की भावनाओं का उपयोग करके वोट डालने की अपील न करें।
- मंदिर, मस्जिद या किसी अन्य पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न करें।
- मतदाताओं को रिश्वत देना, उन्हें डराना-धमकाना, और मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार-प्रसार करना आपराधिक गतिविधि माना जाएगा।
- मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार और सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लागू हो जाता है।
- राजनीतिक दल या किसी उम्मीदवार के घर के सामने विरोध प्रदर्शन और धरना न किया जाए।
-नेता अपने अनुयायियों को किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी सम्पत्ति, जैसे भूमि, भवन, और परिसर की दीवारों पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने या नारे लिखने की इजाजत नहीं दे सकते।
- राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक दूसरे दलों की बैठकों या जुलूसों में बाधा न डालें और न ही उन्हें भंग करने का प्रयास करें।
- किसी दल की तरफ से उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए, जहां दूसरे दलों की बैठक चल रही हो। एक दल द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हटाए नहीं जाने चाहिए।
सभा/रैली और राजनीतिक बैठकों के लिए...
-सभी आयोजकों को रैली स्थल और स्थान की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को अवश्य देनी चाहिए।
-राजनीतिक पार्टी और नेता यह सुनिश्चित कर लें कि जिस स्थान पर वे सभा आयोजित करने जा रहे हैं, वहां पहले से कोई प्रतिबंध लागू न हो।
-सभा में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति भी पहले से ले लेनी चाहिए।
-सभा के आयोजकों को किसी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पुलिस की सहायता अवश्य लेनी चाहिए।
जुलूस के लिए नियम क्या हैं?
-जुलूस आयोजित करने से पहले, उसके प्रारंभ होने का समय, मार्ग, समाप्ति का समय और स्थान की जानकारी पुलिस को अग्रिम रूप से देनी आवश्यक है। -जिस क्षेत्र से जुलूस निकाला जा रहा है, वहाँ कोई प्रतिबंध है या नहीं, यह पहले से सुनिश्चित कर लें।
-जुलूस का प्रबंधन इस प्रकार से करें कि यातायात पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
-यदि एक ही दिन में एक से अधिक राजनीतिक दलों द्वारा एक ही मार्ग पर जुलूस का प्रस्ताव है, तो समय के बारे में पहले से चर्चा कर लेना उचित है।
-जुलूस को सड़क के दायीं ओर से निकाला जाना चाहिए। जुलूस के दौरान किसी भी प्रकार के हथियार या अन्य हानिकारक सामग्री लेकर नहीं चलें। ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों के निर्देशों और सलाह का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है।
मतदान के दिन के लिए निर्देश
मतदान के दिन सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
- राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपने अधिकृत कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र या बिल्ली प्रदान करें।
- निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग करें।
- मतदाताओं को दिए जाने वाले पर्चे सादे कागज पर हों, उन पर किसी भी प्रकार का चिह्न, प्रत्याशी या पार्टी का नाम न हो।
- मतदान के दिन और उससे 48 घंटे पहले किसी को भी शराब वितरित न की जाए।
- मतदान केंद्र के पास बनाए जाने वाले कैंपों में अनावश्यक भीड़ इकट्ठा न करें।
- कैंप सामान्य लोगों के लिए हों, और उन पर पोस्टर, झंडा, प्रतीक या अन्य प्रचार सामग्री न लगाई जाए।
- मतदान के दिन वाहन चलाने के लिए उसका परमिट अवश्य ले लें।
-मतदान बूथ: मतदाताओं को छोड़कर, ऐसा कोई व्यक्ति मतदान बूथ के भीतर प्रवेश न करे, जिसके पास निर्वाचन आयोग का कोई मान्य पास न हो।
-ऑब्जर्वर: ऑब्जर्वर की नियुक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा की जाती है। यदि उम्मीदवारों या उनके एजेंट को चुनाव के संचालन के संबंध में कोई शिकायत हो, तो वे उसे ऑब्जर्वर के संज्ञान में ला सकते हैं।
सत्ताधारी दल के लिए नियम
1. मंत्रीगण आधिकारिक दौरे के दौरान चुनाव प्रचार न करें।
2. सरकारी विमानों और वाहनों का उपयोग पार्टी के लाभ के लिए न करें।
3. सरकारी मशीनरी और कर्मचारियों का उपयोग पार्टी के हित में न करें।
4. हेलीपैड पर सत्ताधारी दल का एकाधिकार न हो।
5. सरकारी कोष से पार्टी का प्रचार-प्रसार न करें।
6. केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री, उम्मीदवार, मतदाता या एजेंट के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को मतदान केंद्र में प्रवेश न करने दें।